मुलायम सिंह के करीबी रहे राजकिशोर BJP में हुए शामिल, पूर्वांचल की राजनीति पर क्या असर होगा?

शिल्पी सेन

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UP Political News: लोकसभा चुनाव के बीच  पूर्वांचल के बाहुबली नेता और सपा सरकार में मंत्री रहे राजकिशोर सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए. बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह के लखनऊ प्रवास के दौरान राजकिशोर और उनके भाई बृजकिशोर सिंह डिम्पल अपने समर्थकों के साथ पार्टी में शामिल हुए. ऐसे में पूर्वांचल के एक और क्षत्रिय नेता के बीजेपी में शामिल हो जाने से जहां बस्ती और आस पास के क्षेत्र को साधने में बीजेपी को काफी मदद मिलेगी. वहीं मौजूदा सांसद और प्रत्याशी हरीश द्विवेदी की राह आसान माना जा रही है.

पूर्वांचल के बाहुबली नेता और राजकिशोर सिंह और उनके भाई बृजकिशोर सिंह डिम्पल ने लोकसभा चुनाव के बीच ही बीजेपी का दामन थाम लिया. गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में दोनों भाइयों ने शाम को बीजेपी कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ले ली. इस दौरान डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी, यूपी सरकार में मंत्री जेपीएस राठौड़ और बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी मौजूद रहे. इस मौके पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक  ने कहा कि 'इनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी.' वहीं यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री की नीतियों से प्रभावित होकर लोग भाजपा की ओर आकर्षित हो रहे हैं और अबकी बार 400 पार का नारा साकार होने जा रहा है.'

बस्ती सीट के चुनाव में दिखेगा इस रणनीति का असर 

बता दें कि मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे पूर्वांचल के बाहुबली नेता राजकिशोर सिंह का बस्ती में काफी प्रभाव है. ख़ासतौर पर क्षत्रिय वोटरों पर प्रभाव की वजह से इसे बीजेपी की रणनीतिक पहल मानी जा रही है. राजकिशोर सिंह और उनके भाई बृजकिशोर सिंह को पार्टी में शामिल कराने से बस्ती में अब बीजेपी की राह आसान हो गयी है. 

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दरअसल कभी मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे राजकिशोर इस समय राजनीति में हाशिए पर थे. अखिलेश यादव से नाराज़गी के बाद उनको सपा से अलग होना पड़ा था. साल 2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने कांग्रेस से लड़ा था और तीसरे स्थान पर रहे थे. इस बार भी करीबी उनके निर्दलीय बस्ती से चुनाव लड़ने का दावा कर रहे थे. ऐसे में राजनीतिक रसूख़ और बस्ती में प्रभाव की वजह से लोकसभा चुनाव में राजकिशोर न सिर्फ़ बीजेपी प्रत्याशी को वोटों का नुकसान पहुंचा सकते थे बल्कि उस क्षेत्र में क्षत्रिय वोटों को प्रभावित भी कर सकते थे.

बता दें कि बस्ती में ब्राह्मण और क्षत्रिय समाज को एक करने में इसे बीजेपी की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. ऐसे में बीजेपी ने राजकिशोर को शामिल करा कर न सिर्फ़ बस्ती सीट का कांटा निकाल दिया है, बल्कि पूर्वांचल चुनाव से पहले क्षत्रिय समाज को संदेश भी देने की कोशिश की है. 

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मुलायम सिंह यादव के करीबी और अखिलेश सरकार में भी मंत्री रहे हैं राजकिशोर

राजकिशोर की गिनती पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं में होती है.  राजकिशोर बीएसपी और कांग्रेस में भी रहे हैं और उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, जिसमें वह तीसरे स्थान पर रहे थे. लेकिन उनकी पहचान समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ी है.  कभी मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे राजकिशोर तीन बार विधायक और मुलायम सिंह और अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे हैं. राजकिशोर के भाई बृजकिशोर सिंह डिम्पल भी पूर्व राज्य मंत्री हैं. पिछले साल निकाय चुनाव से पहले मायावती ने दोनों भाइयों को बीएसपी से निष्कासित कर दिया था. उसके बाद से दोनों राजनीतिक ठिकाने की तलाश में थे.

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