Lucknow News: उत्तर प्रदेश में हुई 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का बड़ा फैसला आया है. लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती की पूरी लिस्ट फिर से बनाई जाए. इस दौरान हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती लिस्ट को भी गलत माना है. हाईकोर्ट ने यह भी माना है कि सहायक शिक्षक भर्तियों में आरक्षण का घोटाला हुआ है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह भर्ती लिस्ट को 3 महीने के अंदर सही करें.
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बता दें कि यह फैसला सिंगल बेंच जस्टिस ओपी शुक्ला ने दिया है. कोर्ट ने आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों की बातों को सही माना है. इस दौरान कोर्ट ने माना कि सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण का घोटाला किया गया है. कोर्ट ने माना है कि भर्ती लिस्ट में करीब 19 हजार से अधिक सीटों पर आरक्षण में विसंगतीय पाई गई हैं.
कोर्ट ने दिया आदेश
हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश देते हुए कहा है कि सरकार लिस्ट में अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटेगरी, सब कैटेगरी सहित ओबीसी -एससी वर्ग का पूरा 27% और 21%आरक्षण दिखाएं और लिस्ट 3 महीनों के अंदर जारी करें. हाईकोर्ट के इस फैसले को प्रदेश की योगी सरकार के लिए झटका माना जा रहा है तो वहीं इस लिस्ट का विरोध कर रहे शिक्षकों को बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है.
बता दें कि पिछले साल यानी 8 दिसंबर 2022 को लखनऊ हाईकोर्ट ने आरक्षण घोटाले पर आर्डर रिजर्व रखा था. गौरतलब है कि जैसे ही सरकार की तरफ से 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती की लिस्ट जारी हुई थी, तभी से शिक्षक इस लिस्ट के विरोध में उतर आए थे. ये मामला कोर्ट तक चला गया था. अब इस मामले में योगी सरकार को कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है.
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