उत्तर प्रदेश में मदरसों के बाद अब वक्फ संपत्तियों की जांच होगी. इस संबंध में शासन ने सभी कमिश्नर और डीएम को लेटर लिखा है. शासन ने ये काम एक महीने में पूरा करने का निर्देश दिया है. इसमें वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे और भू-माफियाओं द्वारा किए गए कब्जे की भी जांच होगी.
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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में सरकार मदरसों की जांच कराकर आंकड़े जुटाने की बात कह रही है. यूपी में 15613 सरकारी मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, लेकिन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का आंकड़ा फिलहाल सरकार के पास नहीं है. इधर जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक में इस सर्वे को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए गए. इस सर्वे पर जमकर सियायत भी हो रही है. अब इस सर्वे को लेकर मुस्लिम धर्मगुरु भी इसके मंसूबे पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
इन 11 प्वाइंट्स पर हो रहा मदरसों का सर्वे
11 प्वाइंट्स पर प्रदेश में मदरसों का सर्वे हो रहा है. इनमें सभी गैर अनुदानित मदरसों से आय का स्रोत पूछा जा रहा है. इससे सर्वे की रिपोर्ट में उनकी आय का खुलासा होगा.
इसके अलावा सर्वे टीम मदरसे का नाम, संचालन करने वाली संस्था का नाम, स्थापना का वर्ष, मदरसे की इमारत का पूरा विवरण या किराए का मकान है, तो उसकी भी जानकारी ले रही है. सर्वे टीम यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि क्या मदरसे का भवन छात्र छात्राओं हेतु उपयुक्त है, सुरक्षित है, भवन में जल, फर्नीचर, विद्युत आपूर्ति, शौचालय है या नहीं?
मदरसे में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं की कुल संख्या, शिक्षकों की संख्या की जानकारी भी ली जा रही है. सर्वे टीम मदरसे के पाठ्यक्रम को भी खंगाल रही है. यह भी पूछा जा रहा है कि यहां के स्टू़डेंट्स क्या किसी दूसरे स्कूल में इनरॉल हैं.अगर किसी गैर सरकारी समूह संस्था से मदरसे की संबद्धता होगी तो संचालकों को इसका भी विवरण देना होगा.
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