राज्यसभा का नामांकन खत्म होने के बाद अब विधान परिषद में नामों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. राज्यसभा में बीजेपी के 8 और समाजवादी पार्टी के 3 सदस्य निर्विरोध चुने जाएंगे, लेकिन असल लड़ाई विधान परिषद को लेकर होगी. समाजवादी पार्टी के भीतर अभी से नामों को लेकर कयासबाजी और दावेदारी शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि अपने संख्या बल के आधार पर समाजवादी पार्टी 4 विधान परिषद की सीटें आसानी से जीत जाएगी.
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सपा में बाहर से आए बड़े नेताओं और समर्थक दलों का दबाव विधान परिषद की सीटों को लेकर कहीं ज्यादा दिखाई दे रहा है. समाजवादी पार्टी की तरफ से जो नाम सबसे आगे हैं उसमें चर्चा है कि अखिलेश यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य को विधान परिषद भेज सकते हैं जो फाजिलनगर से चुनाव हार गए थे.
सहयोगी दलों में सबसे ज्यादा दबाव ओमप्रकाश राजभर का है, जो अपने बेटे अरविंद राजभर के लिए विधान परिषद की सीट चाहते हैं. अरविंद राजभर भी विधानसभा चुनाव हार गए हैं. इसके अलावा इमरान मसूद को लेकर भी चर्चा तेज है. माना जा रहा है कि सहारनपुर में इमरान मसूद को लेकर अखिलेश यादव ने कोई पहले कमिटमेंट कर रखा है.
अखिलेश यादव के करीबी नेता सभी इस वक्त सदन से बाहर हैं. संजय लाठर चुनाव हार गए हैं. उनका कार्यकाल भी विधान परिषद का खत्म हो रहा है. उदयवीर सिंह विधान परिषद का चुनाव नहीं लड़ पाए क्योंकि उनका पर्चा खारिज हो गया.
सुनील साजन भी विधान परिषद का चुनाव हार चुके हैं. कई महिला नेताओं का भी दबाव है कि उन्हें विधान परिषद भेजा जाए. ऐसे में विधान परिषद के नामों का चयन अखिलेश यादव के लिए आसान नहीं है.
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