आगरा में सत्संगियों और पुलिस की भिड़ंत में लहूलुहान हुए पत्रकार ने अंदर के सारे राज बता दिए!

अरविंद शर्मा

• 10:46 AM • 25 Sep 2023

उत्तर प्रदेश के आगरा में रविवार को सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने के दौरान सत्संगी और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई. इस दौरान…

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उत्तर प्रदेश के आगरा में रविवार को सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने के दौरान सत्संगी और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई. इस दौरान पथराव भी हुआ, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. साथ ही कई पत्रकार भी घायल हुए. सत्संगी और पुलिस के बीच संघर्ष मे राजकुमार उप्पल नामक पत्रकार गंभीर रूप से घायल हो गए. पत्रकार राजकुमार उप्पल ने नामजद लोगों के खिलाफ पुलिस थाने में तहरीर दी है.

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बता दें कि प्रशासन ने कथित तौर पर सरकारी भूमि और रास्तों पर किए गए अवैध कब्जे पर शनिवार को बुल्डोजर चलाया था. इसके बाद सभा ने गेट लगा दिया था. प्रशासन की टीम ने उसे फिर तोड़ दिया और गेट भी अपने साथ ले गई.

गौरतलब है कि राधास्वामी सत्संग सभा और पुलिस प्रशासन के बीच चल रहे विवाद को पत्रकार राजकुमार उप्पल कवरेज करने पहुंचे थे. आरोप है कि कवरेज के दौरान सत्संग सभा से जुड़े कुछ लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और उनके साथ बुरी तरह मारपीट की. राजकुमार के सिर में गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें 9 टांके लगे हैं.

मौके पर मौजूद पत्रकार ने बताई पूरी घटना

पत्रकार राजकुमार उप्पल ने यूपीतक से पूरी घटना के बारे में सिलसिलेवार तरीके से बताया है. उन्होंने बताया कि उन्हें कल साढ़े चार बजे पुलिस और सत्संगियों के बीच झड़प की खबर की जानकारी हुई. इसके बाद हम और हमारे अन्य पत्रकार साथी घटनास्थल पर कवरेज करने के लिए पहुंचे थे. पुलिस अधिकारियों ने सत्संगियों को काफी समझाने का प्रयास किया. सत्संगी समझने को तैयार नहीं थे और दोनों में झड़प होने लगी. उसके बाद पुलिस ने सत्संगियों पर लाठीचार्ज कर दिया.

उन्होंने कहा,

“सत्संगियों के इशारे पर कुछ लोगों ने मुझे पकड़ा और घसीटते हुए अंदर ले जाने की कोशिश की. मेरा बैग छीन लिया और मोबाइल तोड़ दिया, जिससे मैं कवरेज कर रहा था, ताकि मैं कुछ सच्चाई न दिखा सकूं. मेरे साथ बुरी तरह से मारपीट की गई. मेरे सिर पर एक जोरदार लठ पड़ा और मैं आधा बेहोश हो गया और मेरी पूरी शर्ट खून से रंग गई. इस तरह से जान से मारने की नियत से मेरा पर हमला किया गया था. ऐसा पत्रकार के साथ क्यों किया गया, मुझे नहीं मालूम.”

पत्रकार राजकुमार उप्पल के अनुसार, 2-3 दिनों से पुलिस और सत्संगियों के बीच मामला गर्म हो रहा था. सत्संगियों को पुलिस-प्रशासन समझाने जाता था, लेकिन सत्संगी फिर गेट लगा देते थे. एक-दो बार पुलिस ने सत्संगियों का गेट भी हटाया, लेकिन पुलिस के जाने के बाद ही वे फिर से गेट लगा देते थे.

पत्रकार राजकुमार उप्पल ने बताया,

“कल जब ये स्थिति ज्यादा हो गई तब पुलिस कर्मियों ने पीछे हटने के लिए सत्संगियों को धक्का दिया. पीछे से लाउडस्पीकर से आवाज रही थी कि अगर पुलिस-प्रशासन ने कुछ भी किया तो उसके जिम्मेदार वे खुद होंगे, हम अपनी रक्षा के लिए कुछ भी कर सकते हैं. मगर पुलिस-प्रशासन सत्संगियों से कह रहे थे कि आप लोग पीछे हट जाइए, लेकिन सत्संगी मानने को तैयार नहीं थे.”

उन्होंने आगे बताया कि पुलिस लगातार सत्संगियों को हटने की अपील कर रही थी पर सत्संगी महिलाओं व बच्चों को आगे करके शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे. जब पुलिस और थोड़ा से आगे बढ़ी तब सत्संगी महिलाओं ने लाठियां भांजना शुरू कर दी और उसी वक्त सत्संगियों की तरफ से पथराव शुरू हो गया. उसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में सत्संगियों पर लाठीचार्ज कर दिया.

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