अकबरगंज स्टेशन अब मां अहोरवा भवानी धाम! यूपी में इन आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए

सत्यम मिश्रा

• 08:21 AM • 28 Aug 2024

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर नाम बदलने का फैसला चर्चा में है. असल में भारतीय रेलवे के नॉर्दर्न रेलवे ने यूपी के लखनऊ डिवीजन के आठ रेलवे स्टेशनों का नाम बदल दिया है.

Akbarpur railway station

Akbarpur railway station

follow google news

Uttar Pradesh 8 railway stations renamed: इलाहाबाद को प्रयागराज और मुगलसराय को दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन करने जैसे तमाम फैसलों की कड़ी में उत्तर प्रदेश में एक बार फिर नाम बदलने का फैसला चर्चा में है. असल में भारतीय रेलवे के नॉर्दर्न रेलवे ने यूपी के लखनऊ डिवीजन के आठ रेलवे स्टेशनों का नाम बदल दिया है. इसमें कुछ ऐसे नाम भी शामिल हैं, जो मुस्लिम प्रतीक चिन्हों पर आधारित थे, लेकिन अब दूसरे नाम से जाने जाएंगे. 

यह भी पढ़ें...

पहले उन आठ स्टेशनों की लिस्ट देखिए जिनके नाम बदले गए

  • कासिमपुर हाल्ट- KASIMPUR Halt (KCJ)
  • जायस- JAIS (JAIS)
  • मिश्रौली- MISHRAULI (MFL)
  • बानी- BANI (BANI)
  • निहालगढ़- NIHALGARH (NHH)
  • अकबरगंज- AKBAR GANJ (AKJ)
  • वारिसगंज- WARISGANJ Halt(WGJ)
  • फुरसतगंज- FURSATGANJ (FTG)

इन आठ स्टेशनों के नए नाम और अल्फा कोड अब क्या?

अब लखनऊ डिवीजन के उक्त आठ रेलवे स्टेशनों की पहचान महापुरुषों और आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ धार्मिक स्थल के नाम पर होगी. नॉर्दर्न रेलवे के  सर्कुलर में डिप्टी कमर्शियल मैनेजर हरी ओम ने इसकी जानकारी दी है.

पुराना नाम नया नाम अल्फा कोड
कासिमपुर हाल्ट जायस सिटी JAIC
जायस गुरु गोरखनाथ धाम GUGD
मिश्रौली मां कालिकन धाम MKDM
बानी स्वामी परमहंस SWPS
निहालगढ़ महाराजा बिजली पासी MBLP
अकबरगंज मां अहोरवा भवानी धाम MABM
वारिसगंज हाल्ट अमर शहीद भाले सुल्तान ASBS
फुरसतगंज  तपेश्वरनाथ धाम THWM

यूपी में नाम बदलने की सियासत को कुछ इस तरह भी समझिए

उत्तर प्रदेश में जगहों और स्टेशनों के नाम बदलने की कवायद को सियासत से भी जोड़कर देखा जाता है. हर सरकार के दौरान अपनी सियासत को सूट करने वाले नाम बदले गए. मसलन योगी आदित्यनाथ और बीजेपी सरकार के दौरान शहरों और स्टेशनों के नाम काफी संख्या में बदले गए. तर्क दिए गए कि इस पहल का उद्देश्य राज्य की उस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्स्थापित करना था, जिसे मुगल और ब्रिटिश काल के दौरान बदला गया था. 

इसका एक प्रमुख उदाहरण साल 2018 में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया जाना है. यह नामकरण प्रयाग के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को पुनर्स्थापित करने के लिए किया गया था. इसी तरह, फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया, जो भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में पहचाना जाता है. इसके अलावा, मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया. दीनदयाल उपाध्याय बीजेपी के आदर्श विचारकों में से एक हैं. 

ऐसा ही कुछ बीएसपी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के कार्यकाल में देखा गया. मायावती ने  दलित और बहुजन नेताओं को सम्मानित करने और सामाजिक न्याय के प्रतीक के रूप में कुछ नाम बदले. जैसे साल 2008 में कासगंज जिले का नाम बदल कर कांशीराम नगर किया गया. इसी तरह हाथरस को महामाया नगर किया गया. 

हालांकि अखिलेश यादव की सरकार में भी नाम बदले गए. जैसे अखिलेश सरकार ने कासगंज और हाथरस, दोनों के नाम बदलने के माया सरकार के फैसले को पलट दिया. अखिलेश यादव की सरकार में समाजवादी नेताओं और विचारकों को सम्मानित करने के लिए भी नाम बदले गए या नाम रखे गए. 

    follow whatsapp