अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइल्ड लाइफ साइंस विभाग के प्रोफेसर पर पीएचडी की छात्रा ने गंभीर आरोप लगते हुए मुकदमा दर्ज कराया है.
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की वाइल्ड लाइफ साइंस की छात्रा ने प्रदेश के डीजीपी और एसएसपी अलीगढ़ को ऑनलाइन द्वारा भेजी गई शिकायत में अपने साथ हुए उत्पीड़न का उल्लेख किया है. जिसके बाद आनन-फानन में अलीगढ़ पुलिस ने वाइल्ड लाइफ साइंस के प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया है.
पुलिस को दी गई एफआईआर में पश्चिमी यूपी के बदायूं ज़िले की निवासी स्टूडेंट ने लिखा है कि 2017 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में उसने एडमिशन लिया था. जिसके बाद उसने वाइल्ड लाइफ साइंस विभाग के प्रोफेसर के अंडर में रिसर्च शुरू की थी.
पीड़ित छात्रा के अनुसार, 5 साल लगातार मेहनत करने के बाद डाटा इकट्ठा कर थीसिस को तैयार किया था. इसके बाद छह महीने पहले थीसिस को सबमिशन भी दे दी थी.
छात्रा के अनुसार, उस समय ऑब्जर्वर और डिपार्टमेंट के और लोगों ने कोई टीका-टिप्पणी उस सम्बमिशन में नहीं कि थी. पर्यवेक्षक ने मौखिक रूप से कहा था कि थीसिस प्रस्तुत करने योग्य नहीं है और वह पर्यवेक्षक के रूप में थीसिस पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे.
शिकायतकर्ता पीएचडी छात्रा ने लिखा है कि डिपार्टमेंट के पर्यवेक्षक उस पर बुरी निगाह रखता है. अकेले में बुलाने की कोशिश करता है. कई बार कपड़ों, शारीरिक बनावट आदि को लेकर अश्लील टिप्पणी कर चुका है.
पीएचडी की छात्रा के मुताबिक, प्रोफेसर ने थीसिस मंजूरी के नाम पर उससे अश्लील डिमांड की. मना करने पर प्रोफेसर ने थीसिस जमा करने से साफ मना कर दिया.
छात्रा ने लिखा है एक और दो मई को प्रोफेसर से बात करने की जब कोशिश की तो उन्होंने अभद्रता करते हुए अपने चैंबर से ही बाहर निकाल दिया.
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