माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari News) के विधायक बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari News) की अग्रिम जमानत याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को खारिज कर दिया.
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मिली जानकारी के मुताबिक, जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने विगत 26 तारीख को पूरी बहस के बाद जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दरअसल, मऊ विधायक अब्बास अंसारी ने अवैध हथियार रखने के मामले में याचिका दायर की थी और इसी मामले में शूटिंग के हथियारों की आड़ में अवैध कारतूस, हथियार रखने का कोर्ट ने संज्ञान लेकर याचिका खारिज कर दी.
हाई कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रहे एडिशनल एडवोकेट जनरल विनोद शाही ने जमानत याचिका का विरोध किया था. बहस के दौरान राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए विनोद शाही ने कहा था कि धोखाधड़ी करके अब्बास अंसारी ने आर्म्स लाइसेंस का पंजीकरण करवाया. शूटिंग प्रैक्टिस की आड़ में बड़ी संख्या में बैरल, हथियार और कार्ट्रिज खरीदें, जो कि पूरी तरीके से शूटिंग अभ्यास में भारत सरकार की 4.8.2014 की अधिसूचना के खिलाफ है.
बता दें कि अब्बास अंसारी पर आर्म्स एक्ट के तहत एक ही हथियार के लाइसेंस पर धोखाधड़ी से कई हथियार खरीदने का भी आरोप है. साथ ही धोखाधड़ी से हथियारों के लाइसेंस ट्रांसफर करने का भी आरोप है.
लखनऊ की महानगर पुलिस ने अब्बास अंसारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467 468,471 सेक्शन 30 आरंभ एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था.
मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था और अंसारी की संपत्तियों को जब्त करने का नोटिस भी जारी किया. वहीं पुलिस अब्बास का लगातार अलग-अलग ठिकानों पर दबिश देकर तलाश कर रही है.
मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की अग्रिम जमानत पर कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
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