Uttar Pradesh News: अमेरिका में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के शख्स फ्रैंक इस्लाम का जलवा देखने को मिल रहा है. फ्रैंक इस्लाम, अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के करीबी माने जाते हैं. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपने घर दावत पर बुलाकर फ्रैंक इस्लाम एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं. बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी बीते तीन दिनों से अमेरिकी दौरे पर हैं और उनका अमेरिका दौरा भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस बीच राहुल गांधी को अमेरिका के दिग्गज कारोबारियों में शुमार भारतीय मूल के फ्रैंक इस्लाम ने अपने घर दावत पर बुलाया.
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फ्रैंक इस्लाम अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन करीबी माने जाते हैं. उनके घर राहुल गांधी का डिनर कार्यक्रम, काफी दिलचस्पी पैदा करता है. लिहाजा, जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर फ्रैंक इस्लाम कौन हैं और उनका भारत के कितना गहरा संबंध है.
कौन हैं फ्रैंक इस्लाम
बता दें कि फ्रैंक इस्लाम की पहचान न सिर्फ पूरे अमेरिका में बल्कि दुनियाभर के बड़े उद्योगपति-निवेशक के रुप में होती है. फ्रैंक इस्लाम क्यूएसएस ग्रुप इंक (QSS Group, Inc) के संस्थापक और सीईओ हैं.बता दें कि फ्रैंक इस्लाम को अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन के ही नहीं बल्कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के भी काफी करीबी माने जाते हैं. बराक ओबामा ने इन्हें 2013 में जॉन एफ कैनेडी सेंटर ऑफ बी फॉर्म इन आर्ट्स के न्यासी बोर्ड के जनरल ट्रस्टी नियुक्त किया था.
बनारस और आजमगढ़ से है नाता
मूलतः आजमगढ़ के रहने वाले फ्रैंक इस्लाम ने प्राथमिक शिक्षा यहीं से पूरी की. वहीं आजमगढ़ से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उनका परिवार बनारस आ गया. फ्रैंक खुद एक इंटरव्यू में बताते हैं कि बनारस वो शहर था जिसने उनकी जिन्दगी बदल दी. जहां उन्होंने हर धर्म का सम्मान करना सीखा और आगे बढ़ने का जज्बा भी पाया. वहीं फ्रैंक ने बनारस के बाद अलीगढ़ पहुंचे और यहां अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से आगे की शिक्षा ग्रहण करने के बाद वो अमेरिका अमेरिका चले गए. अमेरिका पहुंचने के बाद फ्रैंक इस्लाम ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वहां अपनी मेहनत और काबीलियत के दम पर सफलता के नये आयाम गढ़ दिये.
फ्रैंक इस्लाम और उनकी अमेरिकन पत्नी, जो बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े हुए हैं और उनकी पार्टी के लिए धन जुटाने का काम करते हैं, लिहाजा फ्रैंक इस्लाम के वर्चस्व का अंदाजा लगाया जा सकता है. फ्रैंक को साल 2015 में यूपी रत्न से भी नवाजा जा चुका है, जब उत्तर प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव थे.
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