UP News: संभल में जामा मस्जिद सर्वे को लेकर हुई हिंसा चर्चाओं में बनी हुई है. सर्वे के दौरान हुई जबरदस्त हिंसा में 4 लोग मारे गए तो कई पुलिसकर्मी भी गंभीर घायल हुए. पथराव और आगजनी से संभल कई घंटे दहला रहा. बता दें कि हिंसा के बाद से विपक्षी दल यूपी की योगी सरकार और प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं. विपक्षी दलों का आरोप है कि प्रशासन और सरकार ने हिंसा भड़काने का काम किया. अब इसको लेकर ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.
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बता दें कि आनंद प्रकाश तिवारी नाम के शख्स ने संभल हिंसा में अफसरों की भूमिका की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में मुरादाबाद कमिश्नर से लेकर एसडीएम और सीओ चंदौसी की भूमिका की भी जांच की मांग की गई है.
अफसरों की भूमिका की जांच की मांग
आनंद प्रकाश तिवारी ने याचिका लगाकर मांग की है कि रिटायर जस्टिस की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया जाए और सर्वे के दौरान हुई हिंसा में अफसरों की भूमिका की भी चांज की जाए. इसी के साथ केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा संभल हिंसा में सरकार की भूमिका की भी जांच की जाए.
याचिका में कमिश्नर मुरादाबाद मंडल अनुंजय कुमार सिंह, डीएम संभल डॉ राजेंद्र पेसिया, एसपी संभल कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसडीएम चंदौसी नीतू रानी, सीओ चंदौसी संतोष सिंह की भूमिका की जांच की मांग की गई है. इसी के साथ जामा मस्जिद में सर्वे करने गई टीम के सदस्यों की भी जांच की मांग की गई है.
जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा
बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद संभल जामा मस्जिद में सर्वे किया गया था. पहली बार तो सर्वे शांतिपूर्वक हो गया. मगर जब सर्वे टीम दूसरी बार मस्जिद में सर्वे करने पहुंची तो वहां भारी भीड़ जमा हो गई. इस दौरान अचानक भीड़ ने सर्वे टीम और पुलिस को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया. इस दौरान दंगाइयों ने जमकर पथराव और आगजनी की. कई घंटों तक संभल में हालात बेकाबू रहे. इस कदर हिंसा भड़की की डिप्टी एसपी तक के पैर में गोली लगी. फिलहाल अब संभल के दंगाइयों को लेकर योगी सरकार और प्रशासन एक्टिव हो गया है और दंगाइयों की पहचान कर उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही हैं.
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