सपा नेता आजम खान (Azam Khan) की सदस्यता रद्द करने और चुनाव घोषित किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई के दौरान लंच से पहले शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या आयोग 72 घंटो के लिए नोटिफिकेशन टाल सकता है? लंच के बाद मामले में अहम सुनवाई होगी.
ADVERTISEMENT
आजम खान के वकील पी चिदंबरम (P. Chidambaram) ने अदालत में कहा कि निचली अदालत के फैसले के बाद अगले ही दिन सीट खाली घोषित कर दी गई और 10 नवंबर को उप चुनाव की प्रक्रिया की तारीख तय कर दी गई, जबकि एक विधायक को सजा 11 अक्टूबर को हुई थी और उसकी सदस्यता कल रद्द की गई.
चुनाव आयोग ने कहा कि नामांकन 17 नवंबर को शुरू होंगे. तब तक आजम खान के पास पर्याप्त समय है, हाईकोर्ट जाने का. चुनाव आयोग ने कहा कि आजम खान हाईकोर्ट जाएं और वहां सजा पर रोक लगाने की मांग करें. तब अयोग्यता पर भी रोक लग जाएगी. आजम खान के वकील पी चिदंबरम ने कहा कि अयोग्यता पर रोक नहीं लगेगी. ऐसी स्थिति में सीट खाली ही रहेगी.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार, चुनाव आयोग और विधानसभा सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. अरविंद दातार ने चुनाव आयोग की तरफ से कहा कि आयोग ने 2015 में सभी राज्यों को सर्कुलर जारी कर कहा था कि सीट खाली होते ही तुरंत चुनाव प्रक्रिया शुरू की जाए.
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि अयोग्यता दोषसिद्धि की वजह से है. एक बार दोषसिद्धि पर रोक लगने के बाद सभी प्रक्रिया थम जाएगी. आपने 5 नवंबर को नोटिस जारी की है. प्रक्रिया 10 नवंबर से शुरू होगी. दातार ने कहा कि यह एक प्रेस विज्ञप्ति है, अधिसूचना नहीं. सीजेआई ने कहा कि इन मामलों का व्यापक प्रभाव होता है. 3 दिनों के लिए रुकें, उन्हें समय दें.
दातार ने कहा कि चुनाव आयोग ने कहा कि जैसे ही दोषसिद्धि (सजा) होती है आपको तुरंत बताना होगा. चुनाव आयोग की ओर से अरविंद दत्तार ने कहा कि नामांकन 17 नवंबर से शुरू होंगे. 27 अक्टूबर को दोषी ठहराए जाने से लेकर 9 नवंबर तक आजम खान के पास पूरा वक़्त था, लेकिन उन्होंने इस बीच भी निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की.
सीजेआई ने पूछा कि क्या हरेक मामले में अगले दिन अयोग्यता करार दे दी जाती है और फिर उपचुनाव की प्रक्रिया में आगे बढ़ा जाता है.
आजम खान की सदस्यता क्यों रद्द की? सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और चुनाव आयोग से मांगा जवाब
ADVERTISEMENT