Condition of Hindus in the ongoing violence in Bangladesh: बांग्लादेश में नौकरी में आरक्षण को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद वहां बड़ी बगावत हो गई है. प्रधानमंत्री शेख हसीना को आनन-फानन में इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. फिलहाल वह भारत में हैं. बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा फैली हुई है और हिंसा की घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. पीटीआई-भाषा ने वहां के स्थानीय मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि राजधानी ढाका और दूसरी जगहों पर हिंदू मंदिरों पर हमलों, हिंसा और व्यापक लूटपाट के कारण 119 लोग मारे गए हैं. इस बीच भारत में भी यह चिंता का विषय है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अभी क्या चल रहा है. इसी दौरान न्यूज एजेंसी एएनआई ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में पढ़ रहे बांग्लादेशी स्टूडेंट विद्युत टांटी से बात की है.
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विद्युत टांटी ने बांग्लादेश के हालात को लेकर, खासकर वहां की हिंदू आबादी के मौजूदा हालात को लेकर बड़ी बातें कहीं हैं. विद्युत ने बताया है कि वह बीएचयू में इंटरनेशनल बॉयज हॉस्टल में रहते हैं. विद्युत बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय में इकोनॉमिक्स में बीए ऑनर्स कर रहे हैं.
हिंदुओं को किया जा रहा टारगेट: विद्युत
उन्होंने बताया कि, 'घर से बात नहीं हो पा रही है है. कोटा आंदोलन जबसे चल रहा है, तबसे नेटवर्क में इश्यू है. घर पर ठीक से बात नहीं हो पा रहा है. मेरे पिताजी नहीं हैं. मां है, छोटा भाई है और परिवार के लोग हैं. वहां हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है.'
वह आगे कहते हैं, 'हम चाहते हैं कि सब मिलकर साथ रहें. देश को आगे ले जाएं. बीएचयू हमें प्रोटेक्ट कर रहा है, सपोर्ट कर रहा है. लेकिन हमारा घर अभी ठीक नहीं है. मैंने घर जाने के लिए सोचा था. लेकिन अब घर जाने की सुविधा भी इस हिंसा में प्रभावित हुई हैं.' विद्युत टांटी से हुई इस पूरी बातचीत को यहां नीचे देखा और सुना जा सकता है.
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