उत्तर प्रदेश सरकार नौनिहालों की पढाई लिखाई पर करोड़ों रुपए खर्च कर योजनाएं चला रही है. सरकारी स्कूलों में सुविधा मुहैया कराने के बड़े बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन हकीकत धरातल पर उतरने से जाहिर हो जाती है. इन सब कोशिशों के बीच प्रदेश में शिक्षा के मंदिर को दागदार करने का मामला सामने आया है. रायबरेली जिले के गौरा स्थित एक प्राइमरी विद्यालय में जिन बच्चों के हाथों में कलम होनी चाहिए थी, उनमें ईंटें देखने को मिली हैं.
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गौरतलब है कि जिले में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें देश के भविष्य (स्कूली छात्र) मजदूरों की तरह दिखाई दे रहे हैं. उनसे स्कूल में ईंटें उठवाई जा रही हैं.
बता दें कि मामला जब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तो इसे देखते ही जिले के आलाधिकारियों में हड़कंप मच गया. बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र सिंह का कहना है कि ये प्रकरण उनके संज्ञान में आया है. मामला दीन शाह गौरा ब्लॉक का है. इसकी जांच करके नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. हांलाकि वीडियो वायरल होने के बाद जहां एक तरफ शिक्षा विभाग की किरकिरी हो रही है.
शिक्षा अधिकारी कार्रवाई की बात जरूर कह रहे हैं लेकिन इस वीडियो ने शिक्षा विभाग की जमकर किरकिरी की है. लोग सवाल कर रहे हैं कि एक ओर सरकार बच्चों को पढ़ने के लिए बेहतर शिक्षा के लिए नित नए प्रोग्राम ला रही है और स्कूल में बच्चों से ये कराया जा रहा है.
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