उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि भारत का ध्येय वाक्य ”वसुधैव कुटुम्बकम” दुनिया को नई प्रेरणा प्रदान कर रहा है.
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पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री ने ‘जेन नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क प्रोग्राम’ में सम्मिलित होने वाले प्रतिभागियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘दुनिया के ‘यंग लीडर्स’ लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराते हुए मिलकर काम करेंगे तो ना केवल अपने देश, बल्कि दुनिया में मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर पाएंगे.”
उन्होंने कहा कि भारत के प्राचीन ध्येय वाक्य ”वसुधैव कुटुम्बकम” के साथ दुनिया के सभी देश मिलकर काम कर रहे हैं तो स्वाभाविक रूप से दुनिया के इन देशों ने लोकतंत्र को किसी न किसी रूप में अंगीकार किया है जो दुनिया को एक नई प्रेरणा प्रदान कर रहा है.’’
रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अर्जेंटीना, बोत्सवाना, कनाडा, हंगरी, इंडोनेशिया, जापान और लिथुआनिया से आए हुए युवा नेताओं का उत्तर प्रदेश सरकार और नागरिकों की ओर से अभिनंदन किया.
संबोधन की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमारा देश वर्तमान में अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है.भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और लोकतंत्र की जड़ें भारत के अंदर गहराई से जुड़ी हुई हैं. यह प्राचीन काल से ही लोकतंत्र की जननी है.”
उन्होंने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि लोकतंत्र की जननी के इस सबसे बड़े राज्य में आप सबका आगमन हुआ है. भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने वाला यह राज्य कई मायनों में महत्वपूर्ण है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे प्रसन्नता है कि जापान के ‘यंग लीडर्स’ भी यहां आए हुए हैं. जापान की स्मृतियां भारत से जुड़ी हुई हैं, क्योंकि भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति की भूमि हो या उनके सिद्धि प्राप्ति की भूमि हो, उनके महापरिनिर्वाण स्थली हो या उनकी पावन धरा के रूप में भारत और उसमें उत्तर प्रदेश की धरती महत्वपूर्ण भूमिका रखती है.’’
इंडोनेशिया के साथ भारत और उत्तर प्रदेश के संबंधों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इंडोनेशिया की रामलीला दुनिया में प्रसिद्ध है. मैं प्रतिवर्ष इंडोनेशिया की रामलीला को यहां भगवान राम की जन्मभूमि में आमंत्रित करता हूं और मुझे खुशी होती है कि इंडोनेशिया से आई रामलीला पूरे उत्तर प्रदेश वासियों को मोह लेती है.”
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में यह हम सबके लिए अत्यंत गौरव का विषय है कि भारत प्राचीन काल से ही जिन मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों के लिए जाना जाता है, वसुधैव कुटुम्बकम की उस भावना को ध्यान में रखते हुए आज जी-20 देशों की अध्यक्षता का अवसर भी भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्राप्त हुआ है.’’
योगी ने कहा कि जी-20 सम्मेलन आने वाले समय में दुनिया में भारत के प्राचीन ध्येय वाक्य ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के भाव को आगे बढ़ाने में मदगार साबित होगा ‘‘मुझे विश्वास है कि दुनिया के सभी प्रतिष्ठित देशों के यंग लीडर्स लोकतंत्र की इस भावना को आगे बढ़ाने में सफल होंगे.’’
बयान के अनुसार, जेन नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क नामक एक नई पहल के रूप में भारत 22 से 31 जनवरी, 2023 तक युवा नेताओं के 7वें बैच की मेजबानी कर रहा है. इस कार्यक्रम की योजना भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा बनाई गई है. इसके तहत वैश्विक मंचों के युवा उभरते नेता भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं, इसकी सांस्कृतिक विरासत, इसकी विकासात्मक पहलों और संघ और राज्य स्तर पर भारतीय लोकतांत्रिक परंपराओं का व्यापक अवलोकन करने के लिए भारत का दौरा करेंगे.
कार्यक्रम को विभिन्न समूहों में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रत्येक समूह में प्रत्येक देश के दो से पांच प्रतिनिधियों के साथ लगभग सात से आठ देश शामिल हैं.
आईसीसीआर ने अब तक 31 देशों के जेन-नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क प्रोग्राम प्रतिनिधियों के छह बैचों की मेजबानी की थी. ये यात्राएं बहुत सफल रहीं और समूहों ने संसद सहित कई जगहों पर बैठकें कीं.
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