उत्तर प्रदेश की योगी सरकार खेल और खिलाड़ियों के लिए समर्पण भाव से काम कर रही है. सरकार की योजनाओं और सुविधाओं का नतीजा भी देखने को मिल रहा है. हाल ही में संपन्न हुए बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games 2022) में उत्तर प्रदेश के 8 खिलाड़ियों ने देश के लिए मेडल्स जीतकर न सिर्फ देश का बल्कि प्रदेश का भी गौरव बढ़ाया है. इन सभी पदकवीरों को उत्तर प्रदेश सरकार पूर्व निर्धारित नकद इनाम और अन्य सुविधाओं से सम्मानित करेगी.
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गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने नई खेल नीति के तहत हाल ही में घोषणा की थी कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल्स जीतने वाले खिलाड़ियों को उचित सम्मान और पद से नवाजा जाएगा. इसके तहत, स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी को एक करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 75 लाख रुपये और कांस्य पदक जीतने वाले को 50 लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा. साथ ही, सभी पदकवीरों को राजपत्रित अधिकारी का पद भी दिया जाएगा.
8 खिलाड़ियों ने बिखेरी चमक
उत्तर प्रदेश के 8 खिलाड़ी इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने में कामयाब रहे हैं या फिर पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं. 10 किमी. पैदल चाल में जहां मेरठ की प्रियंका गोस्वामी ने रजत पदक जीता है, तो वहीं रजत पदक जीतने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम में मेरठ की दीप्ति शर्मा और बिजनौर की मेघना सिंह भी शामिल रही हैं.
इसके अलावा, रजत पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम में वाराणसी के ललित उपाध्याय ने भी अहम भूमिका निभाई. वाराणसी के जूडोका विजय कुमार यादव, मुजफ्फरनगर की पहलवान दिव्या काकरान, मेरठ की भाला फेंक खिलाड़ी अन्नू रानी और महिला हॉकी टीम की सदस्य वंदना कटारिया ने देश के लिए कांस्य पदक जीतने में सफलता पाई है.
5 खिलाड़ियों को मिलेगी भागीदारी राशि
पदकवीरों के साथ-साथ कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सेदारी के लिए भी 5 खिलाड़ियों को भागीदारी राशि के तौर पर 5-5 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे. इनमें मेरठ की चक्का फेंक (डिस्कस थ्रो) खिलाड़ी सीमा पूनिया, वाराणसी की भारोत्तोलक (वेटलिफ्टर) पूनम यादव और पूर्णिमा यादव, जौनपुर के भाला फेंक (जेवलिन थ्रो) खिलाड़ी रोहित यादव और संभल की हैमर थ्रो खिलाड़ी सरिता यादव शामिल हैं.
मुख्यमंत्री ने की धनवर्षा
नागपंचमी पर गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत कुश्ती प्रतियोगिता के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि खेलों के विकास और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश सरकार का खजाना खुला हुआ है. ओलंपिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ आदि प्रतियोगिताओं में पदक विजेता प्रदेश के खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी के रूप में नियुक्ति की स्वीकृति दी जा चुकी है. इसके साथ ही पदक विजेताओं पर लाखों, करोड़ों रुपए की धनवर्षा भी की जा रही है. यह सिलसिला थमेगा नहीं.
योगी आदित्यनाथ ने कहा था,
“2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में खेलो इंडिया अभियान से गांव-गांव खेल और खिलाड़ियों को मिले प्रोत्साहन के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं. आज हमारे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने पदक जीतने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों के साथ-साथ अन्य प्रदेशों के खिलाड़ियों को भी शुभकामनाएं दी थीं.”
योगी आदित्यनाथ
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार टोक्यो ओलंपिक के दौरान भी भारत के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को भव्य समारोह में सम्मानित कर चुकी है.
सुविधाओं और हौंसलों से मिली सफलता
उत्तर प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों की डाइट मनी 250 रुपए से बढ़ा कर 375 रुपए प्रतिदिन की. अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हों, इसके लिए 1.50 लाख रुपये के मानदेय पर 50 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को बतौर प्रशिक्षक रखा जा जा रहा है. खिलाड़ियों के लिए अनुदान राशि में बढ़ोतरी करने के साथ ही एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना की गई है.
खेल को बढ़ावा देने के लिए खेल विकास और प्रोत्साहन नियमावली 2020 को प्राख्यापित करते हुए इस वित्तीय वर्ष में 8.55 करोड़ रुपए की व्यवस्था की. जिला स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए 5 लाख, मंडल स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए 15 लाख रुपए दिए जा रहे हैं.
इन खिलाड़ियों ने बढ़ाया प्रदेश का गौरव
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प्रियंका गोस्वामी (पैदल चाल), मेरठ
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दीप्ति शर्मा (क्रिकेट), मेरठ
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मेघना सिंह (क्रिकेट), बिजनौर
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ललित उपाध्याय (हॉकी), वाराणसी
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विजय यादव (जूडो), वाराणसी
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दिव्या काकरान (पहलवान), मुजफ्फरनगर
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अन्नू रानी (जेवलिन थ्रोअर), मेरठ
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वंदना कटारिया (हॉकी) मेरठ
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