उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के पिंडी गांव के रहने फिल्म और टीवी कलाकार परितोष त्रिपाठी इस समय चर्चा में हैं. टीवी इंडस्ट्रीज में टीआरपी मामा से फेमस हो चुके परितोष की अपकमिंग फिल्म ‘जनहित में जारी’ में जारी रिलीज होने वाली है. इसे लेकर परितोष काफी उत्साहित हैं. परितोष ने बताया कि उनकी ये पहली ऐसी फिल्म है जिसमें वो लीड एक्टर की भूमिका में हैं. परितोष इसमें एक ऐसे आशिक का किरदार निभा रहे हैं जिसे एक लड़की से एकतरफा प्यार हो गया है. यूपी तक को दिए गए साक्षात्कार में एक्टर परितोष त्रिपाठी उर्फ TRP मामा ने अपने जीवन के बारे में बताया कि कैसे वे इस मुकाम तक पहुचे.
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बड़े भाई ने गुस्से में जो किया वही आशीर्वाद बन गया
परितोष त्रिपाठी ने बताया कि जब वे देवरिया के प्रेस्टिज ट्यूटोरियल स्कूल में कक्षा सात में पढ़ते थे, तभी से ये शिक्षकों की और बच्चों की नकल उतारा करते थे. यही नहीं महिलाओं व पुरुषों की भी आवाज निकालने की कला में निपुण थे. परितोष का मन पढ़ाई में कम लगता था और एक्टिंग में ज्यादा रुझान था. इससे खफा होकर बड़े भाई आशुतोष त्रिपाठी ने देवरिया नागरी प्रचारिणी में एक महीने के लिए चल रहे थियेटर कार्यशाला में एडमिशन करा दिया. परितोष ने जब इस कार्यशाला के आखिरी दिन ‘एक जोड़ा जूता’ नामक नाटक में अभिनय किया तो मौजूद लोगों ने 12 दिन में सीखे गए इस अभिनय के गुर की जमकर तारीफ की.
12 साल की उम्र में 72 साल के किरदार का अभिनय किया
वर्ष 2001 में गोरखपुर के रंग आश्रम थियेटर से जुड़े. यहां इन्हें सीखने का मौका मिला. हमेशा यहां पर नेशनल थियेटर फेस्टिवल होते रहते थे. इस नेशनल थियेटर फेस्टिवल के अंतर्गत वह देहरादून गए जहां इन्होंने 12 साल की उम्र में 72 साल के बुड्ढे का किरदार निभाया था. लोग नहीं पहचान सके थे कि उस वक्त इनकी उम्र महज 12 साल की है. इसके लिए इन्हें बेस्ट एवार्ड से पुरष्कृत भी किया गया था.
देवरिया में 12 साल की उम्र में ही अपने स्कूल प्रेस्टीज ट्यूटोरियल में थियेटर की शुरुआत कर डाली. एक नाटक भी लिखा जिसमें अभिनय के साथ-साथ उसका निर्देशन भी किया “चहेंटन की चिट्ठी”. स्कूल में इनके अभिनय को काफी सराहा गया. स्कूल में पढ़ने वाले लड़के इन्हें चहेटन कहते थे.
एनएसडी के कलाकारों को हरा दिया
इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद परितोष दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिए जहा उन्होंने बीए आनर्स की डिग्री ली. इस दैरान इन्होंने एक ड्रामाटिक सोसाइटी खड़ी की और 200 नाटकों में अभिनय किया. दिल्ली शंकर मार्केट थियेटर में भी काम किया और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के कलाकारों को हराकर बेस्ट खिताब जीतने में भी कामयाबी हासिल की. तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने बेस्ट अवार्ड से परितोष को समानित किया था.
मुंबई में संघर्षों का सामना किया
दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कम्प्लीट करने के बाद वर्ष 2009 में मुंबई चले गए जहां उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा था. हालांकि परिवार का पूरा समर्थन इन्हें मिलता रहा. दूरदर्शन पर छोटे सीन करने के एवज में 500 रुपये रोजाना के हिसाब से मिलता था. इस तरह महीने में 5-6 दिन ही काम मिल पाता था. यानी महीने के 3000-3500 में ही जिंदगी जैसे-तैसे चल रही थी.
महुआ चैनल से मिली एंट्री
परितोष ने बताया कि 6 साल के कठिन संघर्षो का दौर चलता रहा और जब समय बीता तो महुआ टेलीविजन पर “हंसी का तड़का” रियलिटी शो की शुरूआत हुई. जिसमें प्रदेश से कई कलाकारों ने हिस्सा लिया. इसमें परितोष विजेता बनकर उभरे, लेकिन वह पहचान नहीं मिल सकी जिसकी यह चाहत रखते थे.
इन्होंने कॉमेडी सर्कस में भी काम किया, लेकिन सोनी इंटरटेनमेंट टेलीविजन चैनल पर सुपर डांसर शो में काम करने का मौका मिला और TRP मामा के नाम से प्रसिद्धि मिली. इसी के बाद से इनका नाम फेमस हुआ. सुपर डांसर शो के 4 सीजन में काम करने के बाद इन्हें इंडियन आइडल प्रोग्राम में भी काम करने का अवसर मिला. बिग बॉस में सेलिब्रिटी गेस्ट के तौर पर भी काम कर चुके हैं.
20 टीवी सीरियल्स और कई फिल्मों में किया काम
बीस टीवी सीरियल्स में काम कर चुके हैं जैसे महाकुंभ, सिंदूर, लगाओ बोली. इसके बाद फिल्मों में भी मौका मिला तो यहां भी इन्होंने अपना लोहा मनवाया. काशी, लूडो,सोनम गुप्ता बेवफा है आदि फिल्में हैं. अब 10 जून को “जनहित में जारी” फिल्म रिलीज होने जा रही है. जिसमें यह मुख्य भूमिका में नजर आएंगे. परितोष इस फिल्म को लेकर काफी उत्साहित हैं. इसमें देवी प्रसाद नाम के एक युवक का रोल कर रहे है जो फिल्म की हिरोइन से एकतरफा मुहब्बत करता है.आगामी फिल्म सेल्फी में अक्षय कुमार और इमरान हाशमी के साथ एक्टिंग करते नजर आएंगे. टेलीविजन की दुनिया में ITA के बेस्ट अवार्ड से इन्हें सम्मानित किया जा चुका है.
आपको बता दें कि देवरिया जिले के लार थाना के पिंडी गांव के रहने वाले कलाकार परितोष त्रिपाठी के पिता स्वर्गीय रामायण त्रिपाठी सिवान जिले विद्या भवन महिला महाविद्यालय में प्रोफेसर थे. मां जूनियर हाईस्कूल की हेडमास्टर से सेवानिवृत्त हैं. परितोष के पूर्वज बिहार के गोपालगंज जिले के थाना कट्या के बेलवा तिवारी गांव में बस गए थे, लेकिन इनके पिता रामायण त्रिपाठी का नाता देवरिया से नहीं टूटा और देवरिया शहर के साकेत नगर में मकान बनाकर रहने लगे.
परितोष के बड़े भाई अशीतोष सिवान में टीचर हैं और देवरिया में मां व पत्नी बच्चों के साथ रहते हैं. इनकी बड़ी दो बहनें एक अर्चना दिल्ली में तो दूसरी भिलाई में अल्पना प्रोफेसर हैं. परितोष ने बताया कि उनके इस मुकाम में पहुंचने तक परिवार का पूरा सपोर्ट मिला. हालांकि पिता जी चाहते थे कि वो भी प्रोफेसर बनें, लेकिन उन्हें बचपन से ही एक्टिंग का शौक था.
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