उत्तर प्रदेश महिला आयोग ने सार्वजनिक स्थलों पर बने लेडीज और पिंक टॉयलेट्स के संचालन को लेकर अहम फैसला लिया है. प्रदेश के सभी बस स्टैंड, बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर बने टॉयलेट्स में महिला कर्मचारियों की नियुक्ति अनिवार्य की जाएगी. आयोग के इस फैसले से न केवल महिलाओं को स्वच्छता सुविधाएं मिलेंगी बल्कि वे सार्वजनिक स्थलों पर अधिक सुरक्षित और सहज महसूस करेंगी.
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महिला कर्मचारियों की कमी पर उठाए गए कदम
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने बताया कि आयोग को शिकायतें मिल रही थीं कि कई पिंक टॉयलेट्स का ताला बंद रहता है, जिससे महिलाएं इनका उपयोग नहीं कर पातीं. साथ ही कई जगहों पर पुरुष कर्मचारियों की मौजूदगी के कारण महिलाएं असहज महसूस करती हैं. इन समस्याओं को दूर करने के लिए आयोग ने यह कदम उठाया है.
महिला आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग, नगर विकास विभाग और स्थानीय निकायों से संपर्क किया है कि टॉयलेट्स का सही संचालन हो. आयोग का कहना है कि जहां जरूरी हो वहां एनजीओ की मदद से इन टॉयलेट्स का संचालन किया जाएगा.
सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन की सुविधा
महिला आयोग ने पिंक टॉयलेट्स में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाने की भी योजना बनाई है. इससे महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान भी जरूरी सुविधाएं मिलेंगी.
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा और सहूलियत के लिए ऐसा कोई कदम उठाया है. इससे पहले, आयोग ने जिम और बुटीक में महिला कर्मचारियों और ट्रेनरों की अनिवार्यता को लेकर चर्चा बटोरी थी. महिला आयोग की अध्यक्ष का कहना है कि जनवरी 2024 तक इस फैसले का पालन सुनिश्चित किया जाएगा.
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