गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पवन कुमार को गुरुवार को कर्तव्यों के निर्वहन में कथित लापरवाही और अपराध पर प्रभावी नियंत्रण रखने में असमर्थता के लिए निलंबित किया गया. मगर इस कार्रवाई के पीछे जिले में बीजेपी के बड़े नेताओं की एसएसपी रहे पवन कुमार से नाराजगी बताई जा रही है.
ADVERTISEMENT
कुछ दिनों पहले राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल , गाजियाबाद मेयर आशा शर्मा और गाजियाबाद भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिले के पुलिस अधिकारियों पर विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत को नहीं पचा पाने का आरोप लगाया था.
आरोप लगाया गया था कि काउंटिंग के दिन भाजपा के 60-70 कार्यकर्ताओं को मतगणना केंद्र से कुछ दूरी पर स्थित एक बैंक्वेट हॉल में पुलिस ने बंद कर दिया था. जब गाजियाबाद के बड़े बीजेपी नेता मतगणना स्थल के पास इस बैंक्वेट हॉल की तरफ जाने लगे तो पुलिस द्वारा इन नेताओं को भी चौकी में 4 घंटे बैठाया गया.
तब गाजियाबाद के अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखने की बात इन नेताओं ने कही थी. जिसके बाद बीजेपी नेताओं के इस पत्र के जवाब में तत्कालीन एसएसपी गाजियाबाद पवन कुमार ने भी एक प्रेस नोट जारी कर कहा था कि मेरे आदेश पर ही बीजेपी के नेताओं को रोका गया था, बिना वैध पास के मतगणना स्थल की तरफ जाने वाले लोगों को रोका गया था.
बताया जा रहा है कि गाजियाबाद के तत्कालीन एसएसपी पवन कुमार की तरफ से इस तरह बीजेपी नेताओं के पत्र को काउंटर करने से उनमें भारी नाराजगी थी और इसी का नतीजा माना जा रहा है कि पवन कुमार के खिलाफ शासन ने सख्त कदम उठाते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया.
बता दें कि गुरुवार को अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा था, “एसएसपी गाजियाबाद को कर्तव्य में लापरवाही और अपराध को नियंत्रित करने में विफलता के लिए निलंबित कर दिया गया है.”
यूपी में एक ही दिन दो बड़े अफसरों पर गिरी गाज, सोनभद्र के डीएम, गाजियाबाद के SSP सस्पेंड
ADVERTISEMENT