Uttar Pradesh News: आपने टीवी में देखा होगा कि आइकन हवा में तैर रहे होते हैं, जिन्हें छूने से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चलने लगते हैं. आईआईटी कानपुर ने इसे हकीकत में बदल दिया है. संस्था ने एक ऐसी डिवाइस तैयार किया है जिसके जरिए आप इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बिना छुए पूरी तरह से ऑपरेट कर सकते हैं. इससे किसी भी चीज को बार-बार छूने की जरूरत नहीं पड़ेगी और लोगों को संक्रमण जैसे खतरों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
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इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बिना हाथ लगाए करेगा काम
खासतौर पर यह डिवाइस मेडिकल क्षेत्र और पब्लिक प्लेसमेंट वाले क्षेत्रों में सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होगी. जब डॉक्टर दस्ताने पहनते हैं तो वे टच स्क्रीन वाली चीजों पर काम नहीं कर पाते हैं, लेकिन इस डिवाइस को लगाने के बाद वे आसानी से काम कर पाएंगे. यह डिवाइस इनक्यूबेशन सेंटर में तैयार की गई है. लखनऊ निवासी सुमित कुमार वैश्य ने बताया कि, ‘हमारे स्टार्टअप का नाम हिंडोनिक्स टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड है. जिसे आईआईटी कानपुर के इनक्यूबेशन सेंटर एसआईआईसी द्वारा इनक्यूबेट किया गया है. इस डिवाइस का नाम ‘लाइफसेन’ है.’
हवा में तैरते दिखाई देंगे आइकन
सुमित ने आगे बताया कि , ‘इस डिवाइस को हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में सेट किया जा सकता है. इसका फायदा यह है कि हम किसी भी चीज को बार-बार नहीं छूएंगे, लेकिन जैसे ही हम डिवाइस के सामने पहुंचेंगे, हमारी आंखों के सामने हवा में सारे आइकन दिखने लगेंगे. उस आइकन को छूने से डिवाइस छोटा होना शुरू हो जाएगा. इस स्टार्टअप में दिल्ली के गोविंद, नेहा भारद्वाज और कुशीनगर के राजेश्वर सिंह शामिल हैं.’
इस डिवाइस का उपयोग हम टच स्क्रीन डिवाइस या बटन वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक चीजों में कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, कोरोना के समय लोग लिफ्ट से आते-जाते थे और लिफ्ट के नंबरों को नंगे हाथ छूना सुरक्षित नहीं था. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इस डिवाइस को डिजाइन किया गया है. इस डिवाइस को लगाने के बाद जब कोई लिफ्ट के अंदर जाएगा और उस बटन के सामने खड़ा होगा तो बटन से करीब 4 इंच दूर हवा में बटन दिखाई देगा. उस बटन को हवा में छूते ही लिफ्ट काम करने लगेगी. इसी तरह इस डिवाइस का इस्तेमाल एटीएम में भी किया जा सकता है. चाहे स्क्रीन टच हो या एटीएम में बटन, दोनों के आइकन हवा में दिखाई देंगे.
कोरोना काल में आया विचार
जब पूरे देश में कोरोना महामारी फैली हुई थी और लोग हर चीज को छूने से डरते थे. ऐसे समय में मन में विचार आया कि क्यों न एक ऐसा उपकरण तैयार किया जाए, जिससे हम चीजों को बिना छुए संचालित कर सकें. इसके बाद आईआईटी कानपुर के इनक्यूबेशन सेंटर से बात कर यह काम करना शुरू किया. 2020 में इस पर रिसर्च शुरू की. 3 साल बाद 2023 में इसमें पूरी सफलता मिली है.
इस तकनीक का उपयोग किया गया
सुमित वैश्य ने बताया कि इस डिवाइस में लेजर और इंफ्रारेड ऑप्टिक्स तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. लेजर के जरिए आप हवा में आइकन देखते हैं और इस लेजर को इंफ्रारेड ऑप्टिकल्स तकनीक से जोड़ा गया है. इसके आइकन स्क्रीन से लगभग 4 से 5 इंच दूर हवा में दिखाई देते हैं. सुमित ने बताया कि इस डिवाइस का कोई साइज तय नहीं किया गया है. इसे डिस्प्ले के आधार पर तैयार किया जाता है. हर डिवाइस का रेट भी अलग-अलग है. 45000 से लेकर 1.5 लाख तक की डिवाइस बनाई गई हैं.
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