Mukhtar Ansari: माफिया डॉन मुख्तार अंसारी अब इस दुनिया में नहीं रहा. मुख्तार के साथ ही पूर्वांचल की सियासत और जुर्म का एक अध्याय खत्म हो गया. मुख्तार की मौत के बाद अब सिर्फ उसके किस्से और चर्चां ही रह गए हैं. अपनी जिंदगी के आखिर पलों में मुख्तार काफी बेबस हो गया था. उसे हर समय अपनी मौत का डर सताता रहता था. जिंदगी के आखिर समय में जहां मुख्तार को लगातार कोर्ट से सजा मिल रही थी, तो वही प्रशासन भी लगातार अपनी सख्ती उसपर बढ़ा रहा था.
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इसी बीच अब मुख्तार अंसारी और उसके बेटे उमर अंसारी के बीच की आखिरी बातचीत सामने आई है. इस बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस ऑडियो में मुख्तार अंसारी की बेबसी और दर्द साफ नजर आ रहा है. अपने बेटे से आखिरी बात करते हुए मुख्तार यहां तक कह देता है कि ‘शरीर चला जाता है मगर रूह रह जाती है’.
आखिर बार दोनों के बीच हुई ये बात
उमर अंसारी और उसकी पत्नी मुख्तार अंसारी से फोन पर बात करते हैं. उमर अंसारी की पत्नी सबसे पहले कहती है, पापा कैसे हैं आप? अल्लाह का शुक्र है कि आपकी आवाज सुनने को नसीब हो रही है. आप ठीक है ना क्योंकि आपकी आवाज काफी कम आ रही है.
इसके ठीक बाद उमर अंसारी फोन पर आ जाता है. वह कहता है, पापा, आप ठीक हैं? इसका जवाब देते हुए मुख्तार कहता है, हां बाबू. हम ठीक हैं. इसके बाद उमर कहता है, अल्लाह ने आपको बचा लिया. रमजान का पाक महीना भी चल रहा है. इसके जवाब में मुख्तार कहता है, बेटा बेहोशी टाइप हो रही है. कमजोरी लग रही है.
हम बैठ नहीं पा रहे हैं, उठ भी नहीं पा रहे हैं- मुख्तार अंसारी
इसके बाद उमर अंसारी अपने पिता मुख्तार अंसारी से कहता है, मैंने न्यूज में देखा है कि आप काफी कमजोर हो गए हैं. हम अभी कोर्ट में हैं. यहां आपसे मुलाकात की परमिशन ले रहे हैं. दारोगा अंकल से भी बात हो गई है. इजाजत मिलती है तो हम आपसे मिलने आएगे.
तब मुख्तार अंसारी कहता है, हम बैठ नहीं पा रहे हैं. हम ठीक से उठ भी नहीं पा रहे हैं. ये सुनते ही उमर कहता है, पापा सब जहर का असर है. इसका असर दिख रहा है. आप हिम्मत करके फोन कर लिया कीजिए. आपसे बात हुई, आपकी आवाज सुनी, अच्छा लगा.
Body चली जाती है रूह रह जाती है- मुख्तार
इसके बाद मुख्तार अपने बेटे उमर से कहा है, बाबू, Body चली जाती है रूह रह जाती है. ये सुनते ही उमर बोलता है, हिम्मत रखिए पापा. अभी आपको हज भी करना है. आपकी जगह कोई और रहता तो अभी तक मर गया होगा. ये सुनते ही मुख्तार कहता है, हम खड़े भी नहीं हो पा रहे हैं. Wheelchair के सहारे ही हैं. इस दौरान मुख्तार अपने बेटे उमर को ये भी बताता है कि पिछले 10 दिनों से उसे वाशरूम भी नहीं हो पा रहा है. ये सुनते ही उमर कहता है, ‘मैं आपके लिए जमजम लेकर आऊंगा. खजूर लेकर आऊंगा..फल लेकर आऊंगा’
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