Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में बुलडोजर चलाने की कार्रवाई के दौरान मां-बेटी की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक झोपड़ी को गिराने के लिए प्रशासन बुलडोजर लेकर पहुंचा, लेकिन उसमें मौजूद मां-बेटी की परवाह तक नहीं की. झोपड़ी को बुलडोजर से गिराया गया, फिर उसी वक्त झोपड़ी में आग लग गई और मां-बेटी की मौत हो गई. हादसे के बाद पीड़ित परिवार अपनी कई मांगों को लेकर अड़ा हुआ था और 24 घंटे के बाद भी मां-बेटी के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया था.
ADVERTISEMENT
वहीं अब डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के आश्वाशन पर परिजन मान गए हैं. घटना के 24 घंटे बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है. परिजनों के मानने के बाद दोनों शवों को एसपी कानपुर देहात बीबीजीटीएस मूर्ति ने अस्पताल के लिए रवाना किया गया है.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से मृतका के बेटे शिवम और उसकी पत्नी से वीडियो कॉल पर बात कराई. परिजनों ने डीएम नेहा जैन को तत्काल हटाने की मांग की. साथ ही एक सदस्य को नौकरी मुआवजा दिए जाने की मांग रखी. डिप्टी सीएम ने हर संभव मदद का भरोसा दिया है. बता दें कि परिवार का कहना था कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी शवों का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जाएगा. घटना के बाद पीड़ित परिवार के बेटे शिवम दीक्षित ने रूरा थाने में एक एफआईआर दर्ज करवाई है.
क्या था पूरा मामला
बता दें कि सोमवार को कानपुर देहात के रूरा थाने के मड़ौली गांव में जो झोपड़ी गिराई गई. उसमें कृष्ण गोपाल दीक्षित अपने परिवार के साथ रहते थे. उनके खिलाफ अवैध कब्जे की शिकायत की गई थी. वही कब्जा हटाने प्रशासन की टीम बुलडोजर के साथ पहुंची थी. बताया जाता है कि दीक्षित और उनके परिवार का बुलडोजर दस्ते से कहासुनी हुई और फिर झोपड़े को गिरने से बचाने के लिए मां-बेटी ने खुद को उसमें बंद कर लिया.तभी प्रशासन ने झोपड़ी पर बुलडोजर चलवा दिया गया. इसी बीच, झोपड़ी में आग लग गई. इस घटना में कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित और उनकी 23 साल की बेटी जिंदा जल गई.वहीं, प्रशासन की कार्रवाई से नाराज ग्रामीणों ने मौके पर जमकर हंगामा किया. ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम को खदेड़ कर भगा दिया. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा एसडीएम हो या पुलिस के अफसर हम किसी को नहीं छोड़ेंगे. सब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी.
ADVERTISEMENT