उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) सौम्या पांडेय अक्सर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनती रहती हैं. इस बीच कानपुर देहात की सीडीओ सौम्या पांडेय की सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है. इस तस्वीर में एक दिव्यांग बुजुर्ग सड़क पर बैठा है और उसके बराबर में सौम्या पांडेय बैठी नजर आ रही हैं. मिली जानकारी के अनुसार, सौम्या पांडेय अपने कार्यालय से लौट रही थीं, तभी उन्हें सड़क पर एक दिव्यांग बुजुर्ग बैठा नजर आया. इसके बाद उन्होंने अपनी गाड़ी रुकवाई और मौके पर जाकर बुजुर्ग से बात की. इस दौरान सीडीओ ने दिव्यांग बुजुर्ग की पीड़ा सुनी और अधिकारियों को हरसंभव मदद करने का निर्देश दिया. वहीं, इस दौरान इस वाकया की किसी ने तस्वीर खींचकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दी, जो अब वायरल हो रही है.
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विस्तार से जानिए पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर अमरौधा नगर पंचायत में रहने वाले वृद्ध धनीराम दोनों पैरों से विकलांग हैं. उन्हें चलने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है .धनीराम ने सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए समाज कल्याण विभाग में ट्राई साईकिल लेने के लिए अप्लाई किया था. काफी दिनों से वो सरकारी ऑफिस और अधिकारियों के लगातार ऐसे ही चक्कर लगा रहे थे. शुक्रवार को वो एक बार फिर किसी तरह से मुख्यालय के विकास भवन स्थित समाज कल्याण विभाग पहुंचे, जहां से उन्हें फिर मायूसी हाथ लगी.
बुजुर्ग की दाल बीच सड़क पर बिखरी, इंस्पेक्टर संग पुलिसकर्मियों ने हाथों से समेटकर रखवाई
वहीं, जब धनीराम मायूस होकर घर के लिए विकास भवन से निकले ही थे कि उस दौरान मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पांडेय की गाड़ी समाज कल्याण विभाग के दफ्तर के पास पहुंची. सीडीओ ने कठिनाइयों से चलते हुए जब दिव्यांग को देखा तो उन्होंने अपनी गाड़ी रुकवाई और उनके पास जाकर फरियाद सुनी. सीडीओ को अपने साथ जमीन पर बैठा देख बुजुर्ग धनीराम भावुक हो गए और उन्होंने अपनी पीढ़ा सुनाई. धनीराम ने सीडीओ को बताया कि 3 महीने पहले इलेक्ट्रॉनिक साईकिल के लिए उन्होंने फॉर्म भरा था पर वह उन्हें नहीं मिली है. इस पर सीडीओ पांडेय ने धनीराम को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि बुजुर्ग को त्वरित सरकारी योजना का लाभ दिया जाए. इस पर धनीराम ने सीडीओ का धन्यवाद अदा किया.
इससे पहले भी चर्चाओं में रहीं सीडीओ
बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत कानपुर देहात के सभी ब्लॉकों के ग्राम पंचायतों को साफ और सुंदर बनाने के लिए करोड़ों के कार्य होने थे, जिनमें गांव की नालियों और कूड़ा निस्तारण के लिए गढ्ढे बनने थे. मगर आरोप है कि मुख्यालय में बैठे अधिकारियों ने इस सरकारी धन का गबन किया. मामले की शिकायत जब शासन स्तर से हुई तो जांच के बाद तत्कालीन DPRO को सस्पेंड करते हुए स्वच्छ भारत मिशन में कार्य कर रही एजेंसियों को भी हटा दिया गया. जिले में विकास की सभी जिम्मेदारी मुख्य विकास अधिकारी की होती है. सभी विकास कार्यों की बैठक, समीक्षा और निगरानी CDO की ही देखरेख में ही की जाती है. इस मामले में CDO सौम्या पांडेय पर भी आरोप लगे पर किसी ने खुलकर उनके खिलाफ नहीं बोला.
वहीं, करीब 3 महीने पहले एक और मामला सामने आया था, जब एक दिव्यांग मां अपने मासूम बेटे के साथ रोड पर घिसटते-घिसटते विकास भवन पहुंची थी. आरोप है कि उस दौरान सीडीओ महिला और उसके बच्चे को देखते हुए अपने दफ्तर चली गई थीं. उस दौरान यह मामला काफी चर्चा में रहा था.
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