Uttar Pradesh News: बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मामले में उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को दोषी करार दिया गया. इसको लेकर कोर्ट ने 10 साल की सजा के साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लगाया. मुख्तार अंसारी पर गैंग्स्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में फैसला सुनाया. कोर्ट के इस फैसले पर दिवगंत बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने यूपी तक से खास बातचीत की है.
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बीजेपी विधायक की हत्या के बाद काटी गई थी शिखा
यूपी तक से बात करते हुए पीयूष राय ने बताया कि, ‘पिता की हत्या का बाद हत्यारे उनकी शिखा (चोटी) को काटकर अपने साथ ले गए थे.’ पियूष ने आगे कहा कि, हत्यारों ने केवल उनकी ही शिखा नहीं काटी थी बल्कि एक पूरे समाज की शिखा काटी थी और अब उनको सजा हुई है तो हमें न्याय मिला है. आज उस शिखा का मान न्यायपालिका ने बढ़ाया है.’ बता दें कि 2005 को बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. हत्यारों ने कृष्णानंद की कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. इस हमले में कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों की मौत हुई थी. हत्या करने वाले यहीं नहीं रुके उन्होंने कृष्णानंद राय की चोटी भी काट ली थी. हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर लगा था.
मुख्तार अंसारी को हुई सजा
दिवंगत विधायक के बेटे ने आगे कहा कि, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराध और अपराधियों के खिलाफ जो मुहिम छेड़ी है उसी का नतीजा है कि मुख्तार अंसारी और अफजल अंसारी को सजा हो रही है.’ बता दें कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद साल 2007 में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर के तहत केस दर्ज किया गया था, जिसका फैसला शनिवार को आया. ऐसा कहा जाता है कि मुख्तार अंसारी ने चुनावी रंजिश में बीजेपी विधायक की हत्या करा दी थी. यूपी में साल 2002 के विधानसभा चुनाव में अफजाल अंसारी को कृष्णानंद राय ने हरा दिया था.
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