लखीमपुर खीरी हिंसा: 8 की मौत, मंत्री के बेटे पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप, जानें पूरा मामला

अभिषेक वर्मा

• 04:30 PM • 03 Oct 2021

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का विरोध कर काले झंडे दिखा रहे किसानों के साथ कथित तौर…

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लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का विरोध कर काले झंडे दिखा रहे किसानों के साथ कथित तौर पर बीजेपी नेताओं की झड़प हो गई. न्यूज एजेंसी एएनआई यूपी ने एडिशनल एसपी अरुण कुमार सिंह के हवाले से बताया है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अबतक 8 लोगों की मौत हुई है. आपको बता दें कि यह घटना तिकुनिया में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई.

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बताया जा रहा है कि घटना के वक्त, डिप्टी सीएम को रिसीव करने के लिए आ रहे मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू का काफिला और किसान आमने-सामने आ गए. मोनू के काफिले पर किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप लगा है.

इसके बाद मौके पर मौजूद गुस्साए किसानों ने काफिले में शामिल गाड़ी को आग के हवाले कर दिया. बता दें कि तिकुनिया इलाके में अजय मिश्रा टेनी का पैतृक गांव है.

हालांकि, अजय मिश्रा टेनी ने दावा किया है कि उनके बेटे घटनास्थल के आसपास भी नहीं थे, बल्कि वह कार्यक्रम स्थल पर थे. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने यह भी दावा किया है कि किसानों के आंदोलन में शामिल हुए कुछ अराजक तत्वों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम में जा रहे कार्यकर्ताओं के काफिले पर पत्थर मारे.

मंत्री का विरोध क्यों कर रहे थे किसान?

बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के एक हालिया बयान की वजह से किसानों में भारी नाराजगी थी, इसी वजह से वे टेनी का विरोध कर रहे थे. खीरी लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद अजय मिश्रा ने यह बयान केंद्र के 3 नए कृषि कानून के विरोध में काले झंडे दिखाने वाले किसानों को लेकर दिया था.

टेनी ने संपूर्णानगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, ”यह देश किसानों का देश है… हम भी किसान हैं, आप भी किसान हैं, यहां आंदोलन क्यों नहीं फैल गया? क्यों ही वो 10-15 आदमी… अगर मैं वहां उतर जाता तो उनको भागने का रास्ता भी नहीं मिलता. पीठ पीछे काम करने वाले लोग, ऐसे 10-15 लोग शोर मचाते हैं. अगर कृषि कानून खराब होते तो पूरे देश में फैल जाना चाहिए था आंदोलन यहां से, क्यों नहीं फैला? 10-11 महीने हो गए. मैं इसलिए कहना चाहता हूं कि सुधर जाओ नहीं तो सामना करो आकर हम आप को सुधार देंगे. 2 मिनट लगेंगे केवल.”

घटना के बाद डीजीपी बोले- पूरे प्रदेश को अलर्ट किया गया

घटना के बाद डीजीपी मुकुल गोयल ने बताया है, ”लखीमपुर की घटना को देखते हुए पूरे प्रदेश को अलर्ट किया गया है. लखीमपुर से सटे सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. किसी भी प्रकार की गतिविधि पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. लखीमपुर के घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स भेजी जा रही है. अन्य जिलों के अधिकारी भी घटनास्थल पर भेजे गए हैं. आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर लखीमपुर में कैंप करेंगे.”

घटना पर लगातार सामने आ रहीं प्रतिक्रियाएं

किसान नेता दर्शनपाल ने इस घटना के संबंध में एक वीडियो के जरिए बयान जारी किया है.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का भी मामले पर बयान आया है.

वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है, ”कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को भाजपा सरकार के गृह राज्य मंत्री के पुत्र द्वारा, गाड़ी से रौंदना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है.”

इसके साथ ही अखिलेश ने कहा है, ”यूपी दंभी भाजपाइयों का जुल्म अब और नहीं सहेगा. यही हाल रहा तो यूपी में भाजपाई न गाड़ी से चल पाएंगे, न उतर पाएंगे.”

राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है, ”लखीमपुर खीरी से दिल दहलाने वाली खबरें आ रही हैं! केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का काफिला आंदोलनकारी किसानों पर चढ़ा दिया गया! 2 किसानों की मौत हो गई और कई घायल हैं. विरोध को कुचलने का काला कृत्य जो किया है, साजिश जब गृह मंत्री रच रहे हैं, फिर कौन सुरक्षित है?”

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