Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की मुसीबत बढ़ने लगी हैं. लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा सहित 13 आरोपियों ने अपने को बेगुनाह साबित करने के लिए कोर्ट में एक डिस्चार्ज एप्लीकेशन दाखिल की थी, जिसे सोमवार को एडीजे फर्स्ट की कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट आशीष मिश्रा के साथ-साथ सभी आरोपियों पर मंगलवार को आरोप तय करेगी.
ADVERTISEMENT
बता दें कि लखीमपुर हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू सहित 14 आरोपी हैं. खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए एडीजे फर्स्ट कोर्ट में सिर्फ आशीष मिश्रा सहित 13 आरोपियों ने डिस्चार्ज एप्लीकेशन डाली थी. एक अभियुक्त ने प्रार्थना पत्र नहीं दिया था.
जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि पत्रावली आज 219 वाली पत्रावली में रिचार्ज पर बहस हो चुकी थी. सोमवार को निर्णय हो गया और डिस्चार्ज एप्लीकेशन खारिज कर दी गई. इसमें धारा 34 धारा 34 का विलोम भी किया और इसमें चार्ज बनने के लिए 6-12 तारीख भी लग गई. घटना में शामिल उधर से आरोपियों के तरफ से यह रखा गया था कि हम घटना में शामिल नहीं थे और सभी निर्दोष हैं. लेकिन इस चीज का विरोध किया और अभियोजन पक्ष ने अपना पक्ष रख कर उस बात को साबित किया.
गौरतलब है कि, पिछले साल 3 अक्टूबर को किसान कृषि कानूनों के खिलाफ लखीमपुर खीरी में आंदोलन कर रहे थे. आरोप है कि उस वक्त आशीष मिश्रा ने अपनी महिंद्रा थार एसयूवी किसानों पर चढ़ा दी थी. इस हिंसा में चार किसान समेत कुल 8 लोगों की जान चली गई थी. हिंसा की यह घटना तिकुनिया में आयोजित दंगल कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई थी.
मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बंद करने से SC का इनकार
ADVERTISEMENT