उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए बहराइच के रहने वाले किसान गुरविंदर सिंह का उनके परिजनों की मांग पर दोबारा पोस्टमॉर्टम करने के बाद बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. गुरविंदर का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव नबीनगर मोहरनिया में किया गया. आपको बता दें कि मृतक के परिजनों और प्रशासन के बीच समझौता कराने में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अहम भूमिका निभाई.
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बता दें कि मृतक गुरविंदर सिंह के परिजनों ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को गलत बताते हुए अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था. परिवार का आरोप था कि गुरविंदर को हिंसा में गोली लगी थी, जिसका पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जिक्र नहीं था. काफी मानाने और राकेश टिकैत द्वारा बात करने के बाद मृतक के परिजन लखनऊ से बहराइच आए डॉक्टरों के पैनल से दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने के लिए राजी हुए.
इसके बाद मंगलवार रात में ही भारी सुरक्षा के बीच मृतक गुरविंदर सिंह का शव पोस्टमॉर्टम के लिए मोर्चरी लाया गया. दोबारा पोस्टमॉर्टम के बाद गुरविंदर के शव को उनके पैतृक गांव नबीनगर मोहरनिया ले जाया गया. बुधवार सुबह अंतिम संस्कार के बाद राकेश टिकैत और समर्थक बहराइच से वापस लौट गए.
पंजाबी सिंगर सोनिया मान ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर खड़े किए थे सवाल
पिछले काफी समय से किसान आंदोलन से जुड़ी रहीं पंजाबी एक्ट्रेस और सिंगर सोनिया मान भी गुरविंदर सिंह की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को गलत बताया था. उन्होंने कहा था, “पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गलत दिखाया है कि गोली नहीं लगी है. डेड बॉडी यहां पर पड़ी हुई है, हमने वीडियो भी बनाई है. कान की तरफ से गोली लगी है. गोली लगने की वजह से उनकी मृत्यु हुई है और यहां पर ये झूठी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दिखाई गई है.”
क्या है पूरा पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में रविवार, 3 अक्टूबर को भारी हिंसा हुई. यूपी पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई है. हिंसा की यह घटना तिकुनिया में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई.
संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले की गाड़ियों ने किसानों को रौंदा. वहीं केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे, दोनों ने इस आरोप का खंडन किया है. उनका कहना है कि आशीष मिश्रा पूरे वक्त कार्यक्रम स्थल पर थे, वह घटनास्थल पर आए ही नहीं.
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