उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के बाद से प्रदेश की योगी सरकार पर विपक्ष हमलावर है. यूपी में समाजवादी पार्टी (एसपी), कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) समेत अन्य पार्टियां इस हिंसा के विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रही हैं. इसी बीच मामले को लेकर विरोध की आवाज पश्चिम बंगाल से भी आ गई है. दरअसल, सीएम ममता बनर्जी ने लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश रामराज्य नहीं बल्कि किलिंग राज्य हो चुका है.
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आपको बता दें कि भवानीपुर उपचुनाव जीतने के बाद सोमवार को सीएम ममता बनर्जी भवानीपुर में शीतला मंदिर और गुरुद्वारा में दर्शन करने पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा,
“हमने अपने सांसदों की टीम भेजी, उन्हें भी वहां नहीं जाने दिया जा रहा है. धारा 144 लागू कर रखी है, जबकि हमारा राज्य जो इतना शांतिपूर्ण है कि यहां छोटी सी भी घटना होती है तो मानवाधिकार आयोग की टीम भेजी जाती है लेकिन अब क्या हो रहा है.”
सीएम ममता बनर्जी
वहीं, ममता बनर्जी ने कांग्रेस या दूसरी पार्टियों के विरोध प्रदर्शन के बारे में कहा, “यहां मैं सिर्फ अपनी बात कहूंगी.”
लखीमपुर खीरी हिंसा मामला क्या है?
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में रविवार, 3 अक्टूबर को भारी हिंसा हुई. यूपी पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई है. हिंसा की यह घटना तिकुनिया में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई.
संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले की गाड़ियों ने किसानों को रौंदा. वहीं केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे, दोनों ने इस आरोप का खंडन किया है. उनका कहना है कि आशीष मिश्रा पूरे वक्त कार्यक्रम स्थल पर थे, वह घटनास्थल पर आए ही नहीं.
मंत्री टेनी बोले- लखीमपुर खीरी घटना स्थल पर बेटे के होने का सबूत मिला तो दे दूंगा इस्तीफा
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