संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने शुक्रवार को लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) और जांच आयोग को खारिज कर दिया. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे 18 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ प्रदर्शन का आह्वान करेंगे.
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आपको बता दें कि एसकेएम तीन अक्टूबर को हुई लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को हटाए जाने और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है.
मोर्चा ने एक बयान में कहा कि अगर 11 अक्टूबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे 18 अक्टूबर को देशव्यापी ‘रेल रोको’ प्रदर्शन का आह्वान करेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा के बयान में क्या कहा गया है?
संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान में कहा है कि मोर्चा लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) और जांच आयोग को खारिज करता है. मोर्चे ने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने और इसकी निगरानी सीधे उच्चततम न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा किए जाने की मांग की है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने क्या आरोप लगाए हैं?
यूपी के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में रविवार को भारी हिंसा हुई. यूपी पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई है. संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, प्रदर्शनकारी किसान केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे. मोर्चा ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के गाड़ियों के काफिले ने किसानों को रौंदा और फायरिंग भी की गई.
आशीष ने आरोपों को किया खारिज
इस मामले में आशीष मिश्रा ने दावा किया है कि घटना के वक्त वह काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं थे. इसके साथ ही आशीष ने दावा किया है, ”हमारे कार्यकर्ता डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रहे थे, जैसे ही वो लोग तिकुनिया से निकले, तो अपने आप को किसान कहने वालों ने आक्रमण कर दिया.”
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