गाजीपुर के बहुचर्चित उसरी चट्टी कांड में तीन जनवरी को माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और माफिया बृजेश सिंह एक दूसरे के आमने-सामने होने वाले थे, पर ऐसा हो ना सका. गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में मंगलवार को मुख्तार अंसारी प्रशासनिक कारणों से कोर्ट में पेश नहीं हो सके. अब कोर्ट ने 10 जनवरी को मुख्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है.
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वहीं मंगलवार को हो रही सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी की तरफ से एक गवाह तौकीर की गवाही हुई. वहीं अपनी गवाही में तौकीर ने मुख्तार अंसारी को उस वक्त झटका दिया, जब उसने अपने बयान में ब्रजेश और त्रिभुवन के घटना में होने की पुष्टि नहीं की.
इस मामले में एडीजीसी नीरज श्रीवास्तव ने कहा कि चश्मदीद तौकीर की गवाही हुई है और उसने अभियोजन के कथानक की पुष्टि की है. लेकिन उसने ब्रजेश और त्रिभुवन के घटना में होने की पुष्टि नहीं कि है. उन्होंने बताया कि मामले में आज ये चौथी गवाही हुई है. 10 जनवरी को मुख्तार अंसारी की पेशी और गवाही होगी. क्योंकि वो इस केस के वादी भी हैं और अहम गवाह भी. वहीं एडीजीसी नीरज श्रीवास्तव ने इस बात की पुष्टि कि गवाह पक्षद्रोही नहीं हुआ है क्योंकि उसने अभियोजन के कथानक की पुष्टि की है. लेकिन उसने मुख्य अभियुक्तों के होने की पुष्टि नहीं कि है.
बता दें कि 15 जुलाई 2001 में गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के उसरी चट्टी पर मऊ जा रहे माफिया मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला हुआ था. जिसमें मुख्तार अंसारी के गनर और एक अन्य साथी की मौत हुई थी. इस हमले में कई लोग घायल हो गए थे.बता दें कि इस मामले में माफिया त्रिभुवन सिंह मिर्जापुर जेल में बंद है और अनिल सिंह की मौत हो चुकी है. मामले में मुख्तार अंसारी ने चर्चित उसरी कांड में माफिया बृजेश सिंह को मुख्य आरोपी बनाया है.मंगलवार को इसी मामले में मुख्तार अंसारी की मुख्य गवाह के रूप में पेशी होनी थी पर प्रशानिक कारणों से वो पेशी नहीं हो सकी.
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