प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से उनकी मुलाकात क्या हुई, बनारस का नाम सुर्खियों में छा गया. इसकी वजह बनी बनारस की गुलाबी मीनाकारी कला.
ADVERTISEMENT
पीएम मोदी ने गुलाबी मीनाकारी से बना शतरंज सेट कमला हैरिस को भेंट किया. उन्होंने इसी कला से बनाया पानी का एक जहाज ऑस्ट्रेलिया के पीएम को भी गिफ्ट किया. साथ ही, उन्होंने ट्री पोज यानी वृक्षासन भी किसी अपने को गिफ्ट किया है.
उधर पीएम मोदी ने बनारसी गुलाबी मीनाकारी से बने गिफ्ट दिए और इधर काशी में इन तोहफों को बनाने वाले राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिल्पी कुंजबिहारी चर्चा में आ गए. आलम यह है कि अमेरिका में इस कला को वाहवाही मिलने के बाद कुंजबिहारी के पास ऑर्डर की झड़ी लग गई और एक साल तक वह खाली नहीं रह पाएंगे.
गुलाबी मीनाकारी के एक्सपर्ट शिल्पी कुंजबिहारी वाराणसी के गायघाट इलाके के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि 19 सितंबर को उन्हें पता चला कि अमेरिका दौरे पर पीएम मोदी उनके हाथों से गुलाबी मीनाकारी की कला से बना चेस सेट, पानी का जहाज और वृक्षासन लेकर जाएंगे. वह दिल्ली पहुंचे और उन्होंने सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज को सारे तोहफे सौंप दिए.
क्या होती है गुलाबी मीनाकारी, कुंजबिहारी से जानिए
कुंजबिहारी ने यूपी तक को बताया कि गुलाबी मीनाकारी बहुत ही कठिन काम होता है, जो चांदी और सोने पर ही होता है. मेटल ऑक्साइड से इसका रंग बनाया जाता है. वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी में गुलाबी रंग तैयार करने की कवायद भी खास है. चंदन के तेल में सोना मिलाकर यह गुलाबी रंग तैयार किया जाता है. यह कला मुगलकाल में भारत आई और बनारस में यह गुलाबी मीनाकारी नाम से जानी जाती है. बनारस के शिल्पियों की इसमें दक्षता है. उन्होंने बताया कि उनको यह कला अपनी मां और ननिहाल से मिली है.
संकट में जारी है गुलाबी मीनाकारी का काम
कुंजबिबारी ने बताया कि चांदी का रेट बढ़ने के चलते 10 साल पहले ही गुलाबी मीनाकारी का काम लगभग बंद हो चुका था, लेकिन धीरे-धीरे संघर्ष जारी रहा. कोविड में यह काम पूरी तरह से यह खत्म होने के कगार पर पहुंच चुका था. हालांकि वह पीएम मोदी को धन्यवाद दे रहे हैं कि उनके द्वारा तोहफे में गुलाबी मीनाकारी से बने सामान देने के बाद अब ढेरों ऑर्डर मिल रहे हैं. सिर्फ एक दिन में ही पूरे एक साल के ऑर्डर उनको मिल गए हैं. इसमें 25 सेट शतरंज, 12 वृक्षासन सेट और 20-25 हाथी के सेट हैं. इसके अलावा और भी कई ऑर्डर हैं.
कुंजबिहारी से यह शिल्प सीखने के लिए निफ्ट से आते हैं स्टूडेंट्स
कुंजबिहारी से गुलाबी मीनाकारी के बारे में ज्ञान हासिल करने के लिए निफ्ट के भी छात्र आते रहते हैं.
निफ्ट की सातवें सेमेस्टर की छात्रा अक्षिता बताती हैं कि वे बनारस की हैं. बनारस के क्राफ्ट के प्रति उनका लगाव है. उनके मुताबिक मीनाकारी पर्सिया से आई है. यह देश-विदेश के कई हिस्सों में होती है, लेकिन बनारस की मीनाकारी में सफेद रंग खूबसूरती से दिखती है.
अब कोशिश है कि इस कला को ऐसी चीज में ढालें ताकि आम लोगों तक इसकी पहुंच हो सके. वह कहती हैं कि पीएम मोदी द्वारा कमला हैरिस को तोहफे के रूप में इसे देना कला को काफी फायदा पहुंचाएगा.
काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद: इलाहाबाद HC के फैसले के बाद अब आगे क्या?
ADVERTISEMENT