UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में कई प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसमें ब्लड रिलेशन से बाहर अगर अचल संपत्ति को लेकर पावर ऑफ अटॉर्नी देनी है तो उस पर अब स्टांप ड्यूटी लगेगी. दरअसल मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुआई में हुई कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि अबसे पावर ऑफ अटॉर्नी का उपयोग सेल डीड के रूप में नहीं किया जा सकेगा क्योंकि कैबिनेट बैठक में स्टांप अधिनियम प्रावधान में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके चलते अब रक्त संबंधियों के अतिरिक्त अगर कोई व्यक्ति अन्य व्यक्ति को अचल संपत्ति की पावर ऑफ अटॉर्नी देता है तो उसे पूरा स्टांप शुल्क देना होगा.
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, अभी तक अनमूवेबल प्रॉपर्टी की पॉवर ऑफ अटॉर्नी किसी को भी देकर उसका रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए 50 रूपए का स्टांप शुल्क लगता था. मगर अब यह नहीं चलेगा, क्योंकि इसे रोकने के लिए सरकार ने कदम उठा लिया है और स्टांप अधिनियम संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब ऐसे में मुख्तारनामों में बैनामों की तरह ही संपत्ति के बाजार मूल्य के हिसाब से स्टांप शुल्क लगेगा, जिससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी.
बता दें कि योगी सरकार ने कल यानी मंगलवार को कई प्रस्तावों पर मुहर लगाई है, जिसमें अचल संपत्ति स्टांप शुल्क प्रस्ताव भी शामिल है.
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