ऐसे दफन है शव 20 साल बाद भी जांच हो जाएगी…मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल ने किया अजीब दावा

विनय कुमार सिंह

01 Apr 2024 (अपडेटेड: 01 Apr 2024, 11:02 AM)

मुख्तार अंसारी की मौत पर गाजीपुर के सांसद और मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने ये भी बताया है कि मुख्तार केे शव को खास तरीके से दफनाया गया है. इससे आने वाले 20 सालों तक शव की जांच हो सकती है.

मुख्तार अंसारी की मौत पर अफजाल अंसारी ने बड़ी बात बताई

Mukhtar Ansari

follow google news

Mukhtar Ansari: अपने भाई मुख्तार अंसारी की मौत पर अब गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने बड़ा बयान दिया है. अफजाल अंसारी का कहना है कि मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अगर सरकार समझ रही है कि हमने इस कहानी का एंड कर दिया है तो ऐसा नहीं है. ये कहानी तो अब शुरू होगी.

यह भी पढ़ें...

अफजाल अंसारी का कहना है कि मुख्तार अंसारी का बिसरा प्रिजर्व किया गया है. मुख्तार के शव को इस तरह से दफन किया गया है कि आने वाले 5 या 20 साल बाद भी अगर जांच करनी हो तो नाखून और बाल से भी जांच हो जाएगी और मुख्तार की मौत के कारणों का पता चल जाएगा. अफजाल अंसारी ने कहा कि ये कहानी मुख्तार की मौत से बाद खत्म नहीं हुई है. बल्कि कहानी तो अब शुरू हुई है.

अपने भाई मुख्तार को लेकर क्या बोले अफजाल

अफजाल अंसारी ने कहा, किसी की औकात की पहचान उसकी अंतिम यात्रा से होती है. शासन-प्रशासन ने गाजीपुर समेत पूरे पूर्वांचल में दहशत का माहौल पैदा किया था. मगर फिर भी यहां लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों की संख्या देखकर अधिकारी हैरान रह गए. 

जहर देकर मारा गया है- अफजाल अंसारी

मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर अफजाल अंसारी ने सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि मुख्तार को जेल में जहर देकर मारा गया है. अफजाल अंसारी ने कहा, मुख्तार अंसारी ने जहर खिलाकर मारने के प्रयास को कोर्ट के सामने भी बताया था. जेल में मुख्तार अंसारी को जो खाना दिया जाता था, उसे बैरक इंचार्ज पहले खाकर चेंक करता था, उसकी भी तबियत खराब हो गई है. अफजाल अंसारी ने आगे कहा, पूरी योजना के तहत मुख्तार को मारा गया है. इसमें डॉक्टर, जेल प्रशासन, सरकार और सादे भेष में घूमने वाले एलआईयू और एसटीएफ के लोग शामिल हैं. इन सभी ने मुख्तार की हत्या की है.

20 साल बाद भी हो सकेगी मुख्तार के शव की जांच

इस दौरान अफजाल अंसारी ने बताया कि मुख्तार के शव को इस तरह से दफनाया गया है कि आने वाले 5 से 20 साल बाद तक उसके शव की जांच को सकेगी. नाखून और बाल से उस समय भी जांच की जा सकेगी और मौत के कारणों का पता लगाया जा सकेगा.

अफजाल अंसारी ने इस दौरान ये भी कहा कि जेल में बंद होने के दौरान भी मुख्तार के खिलाफ 50 से अधिक केस दर्ज किए गए. ये अन्याय की प्रकाष्ठा है. उन्होंने कहा कि मुख्तार की मौत कस्टडी में हुई है, ये राजधर्म की हत्या है.

    follow whatsapp