Paris Olympics 2024 Vinesh Phogat : पेरिस ओलंपिक के 11वें दिन भारत के लिए उस समय बड़ी खबर सामने आई जब पहलवान विनेश फोगाट ने उलटफेर करते हुए वर्ल्ड चैंपियन को हरा दिया. विनेश फोगाट को अपने पहले ही मुकाबले में चार बार की वर्ल्ड चैंपियन और टोक्यो ओलंपिक की गोल्ड मेडिलिस्ट जापान की यूई सुसाकी को धूल चटाई. इस मुकाबले के बाद विनेश फोगाट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में एंट्री कर ली. वहीं विनेश के इस दमदार प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया पर कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह ट्रेंड करने लगे.
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कभी ना हारने वाली पहलवान को दी पटखनी
बता दें कि पेरिस ओलंपिक में विनेश ने अपने पहले ही मुकाबले में जता दिया कि वो यहां बिना मेडल के नहीं जाने वाली हैं. पहले मुकाबले में विनेश फोगाट का सामने जापान की ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट यूई सुसाकी थी. मुकाबला शुरु हुआ तो विनेश 0-2 से पिछड़ गई थी. वहीं मैच के अंतिम 10 सेकेंड में कमाल करते हुए उहोंने मुकाबले का रूख ही बदल दिया और 3-2 से जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह बनाई. बता दें कि यूई सुसाकी ने अपने इंटरनेशनल करियर के सभी 82 बाउट में जीत हासिल की थी. इन मुकाबलों को उन्होंने ना सिर्फ जीता, बल्कि विरोधी रेसलर को पूरी तरह धूल चटा दी. उन्हें इससे पहले किसी भी गैर जापानी पहलवान ने नहीं हराया था. महिला पहलवानी में यूई सुसाकी अपनी एक अलग ही जगह रखती हैं.
वहीं इसके बाद क्वार्टर फाइनल मुकाबले में यूक्रेन की खिलाड़ी ओक्साना लिवाच को 7-5 से करारी शिकस्त दी. वहीं विनेश के दमदार प्रर्शन के बाद सोशल मीडिया पर तमाम लोग कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह को लेकर लिखने लगे.
बजरंग पूनिया ने साधा निशाना
ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने एक्स पर लिखा कि, हमें पहले ही भरोसा था कि वह गोल्ड लेकर आएगी. उन्होंने कहा कि जब हम जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे तो हमारे बारे में बहुत कुछ बोला गया था, अब वो लोग कहां हैं? बजरंग ने पूछा कि अब वह देश की बेटी कहलाएगी या नहीं, अब उनके पास कॉल जाएगा या नहीं? बजंरग ने आगे कहा कि, जंतर-मंतर पर हमारे प्रदर्शन के दौरान सरकार के आईटी सेल और ब्रजभूषण सिंह के बहुत कुछ कहा था.
बता दें कि साल 2023 में विनेश फोगाट ने कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ भी लंबा प्रदर्शन किया था. विनेश फोगाट ने यह भी कहा था कि इस आंदोलन की वजह से उनकी कुश्ती की प्रैक्टिस में भी फर्क पड़ रहा है, हालांकि उन्होंने न सिर्फ ओलंपिक में अपनी जगह बनाई बल्कि अब सेमीफाइनल तक पहुंच गई हैं.
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