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प्रयागराज स्थित ट्रिपल आईटी के दो शोध छात्रों की 8 लाख की लागत से ऐसा ड्रोन बनाया है जो फसलों का डॉक्टर भी है.
दो शोध छात्र पवन और शेफाली रामटेक ने 3 साल पहले एग्रीकल्चर ड्रोन पर काम करना शुरू किया था.
3 साल में इस टेक्नोलॉजी के आधार एक छोटा ड्रोन बनाया बाद में इसे बड़ा आकार दे दिया.
इस ड्रोन में एनआईडीबीआई सेंसर लगा है जो बीमार फसलों का पता लगाता है फिर बीमारी की जरूरत के हिसाब से दवा छिड़कता है.
इस ड्रोन के कारण पूरी फसल पर दवा नहीं छिड़कना पड़ता है. ऐसे में दवा की बचत होती है.
इसके अलावा किसान को पीठ पर लादकर पूरे दिन खेत में नहीं घूमना पड़ेगा. कम समय में ये ड्रोन काम करेगा.
छात्रों का कहना है कि किसान दवा छिड़काव में जो मजदूरी खर्च करते हैं उतने में ऐसा ड्रोन किराए पर लेकर दवा का छिड़काव करा सकते हैं.
ये ड्रोन एक बार में 30 किलो तक का वजन उठा सकता है. वजन लेकर ये लगातार 25 मिनट तक हवा में उड़ सकता है.
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