UP News: संभल जामा मस्जिद विवाद इस समय देशभर में छाया हुआ है. इस विवाद को लेकर हाल ही में संभल में जबरदस्त हिंसा देखने को मिली, जिसमें 4 लोगों की मौत भी हो गई तो कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए. इसी बीच मुस्लिम पक्ष अब मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट चला गया है. याचिका में निकली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है.
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संभल मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. याचिका में कहा गया है कि सिविल कोर्ट ने एकपक्षीय रूप से सर्वेक्षण के आदेश पारित कर दिया और उसी दिन सर्वे के निर्देश भी दे दिए. मस्जिद कमेटी की तरफ से याचिका में कहा गया कि इस मामले में काफी जल्दबाजी हुई. इसी के साथ मामले में कोई भी नोटिस जारी नहीं किया गया और ना ही प्रभावित पक्षों से कोई जवाब मांगा गया.
संभल मस्जिद कमेटी की याचिका में और क्या-क्या लिखा है?
संभल मस्जिद कमेटी द्वारा जो याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई है, उसमें कहा गया है कि मस्जिद समिति और राज्य दोनों में से किसी से भी कोई भी जवाब नहीं मांगा गया. जिस तरह से इस मामले में सर्वेक्षण का आदेश दिया गया, उससे देश भर में हाल ही में पूजा स्थलों के संबंध में दायर किए गए कई मामलों पर इसका तत्काल प्रभाव पड़ेगा.
मस्जिद कमेटी ने याचिका में बोला है कि, ऐसे आदेशों से सांप्रदायिक भावनाएं भड़कने, कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नुकसान पहुंचने की प्रवृत्ति होगी. इसी के साथ मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वह निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाए.
संभल मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा है कि वकील कमिश्नर के सर्वे की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में जमा हो और यथास्थिति बरकरार रहे. बता दें कि इस मामले को लेकर संभल की जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
आज इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की पीठ के समक्ष ये सुनवाई होगी. मस्जिद कमेटी की तरफ से सीनियर एडवोकेट हुजैफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ये असाधारण मामला और परिस्थिति है. ऐसे में कोर्ट द्वारा असाधारण कदम उठाया जाए.
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