उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में पराली जलाने की घटनाएं लगातार सामने आने के बाद जिला प्रशासन पराली जलाने वाले किसानों के साथ-साथ अब कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहा है.
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इस दौरान कार्य में लापरवाही बरतने वाले 18 नोडल अधिकारी, 3 लेखपाल और कृषि विभाग के 5 कर्मचारियों के खिलाफ एडीएम वित्त एवं राजस्व अधिकारी ने कर्मचारियों के वेतन रोके जाने की कार्यवाही के आदेश दिए हैं.
एडीएम वित्त और राजस्व त्रिभुवन ने बताया कि अब तक जिले में 200 के करीब पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं. इस दौरान कार्य में लापरवाही बरतने वाले 18 नोडल अधिकारियों का वेतन रोका गया है. साथ ही 3 लेखपालों और कृषि विभाग के 5 कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. इस मामले में लगभग 30 से अधिक कर्मचारियों के वेतन को रोका गया है.
एडीएम ने बताया,
“अब तक 44 हजार से ज्यादा का जुर्माना भी किसानों से वसूला जा चुका है. किसानों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ उनको पराली ना जलाने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है. किसानों को पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया जा रहा है और उन्हें फसल अवशेष पराली के निस्तारण के लिए किसानों को डी कंपोजर भी वितरित किए जा रहे हैं. जिससे किसान प्रणाली को खाद में तब्दील कर सकते हैं.”
त्रिभुवन
एडीएम ने बताया कि अब तक 200 घटनाएं घटित हुई हैं। पिछले वर्ष 400 से अधिक मामले आए थे. हम लोग प्रयास कर रहे हैं कि इनको कम किया जाए. इस बार यह आंकड़ा 100 या इससे भी कम हो.
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