यूपी के शाहजहांपुर में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किले एक बार फिर बढ़ गई हैं. गुरुवार को एमपी एमएलए कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. गौरतलब है कि वर्ष 2011 में शिष्या ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था.
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एमपी एमएलए कोर्ट में चिन्मयानंद के पेश न होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया है.
कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. दरअसल, वर्ष 2011 में चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था और इसमें एफ आई आर भी दर्ज हुई थी. उसके बाद यह मुकदमा एमपी एमएलए कोर्ट में चला गया. वर्ष 2017 में भाजपा सरकार बनने पर चिन्मयानंद के इस मुकदमे को वापस लेने का प्रयास शुरू किया. लेकिन कोर्ट ने लोकहित से जुड़ा मामला मानते हुए प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया.
इस मामले में एमपी एमएलए कोर्ट की शासकीय अधिवक्ता नीलिमा सक्सेना का कहना है कि आज सुनवाई की तिथि नियत हुई थी लेकिन स्वामी चिन्मयानंद आज भी कोर्ट में पेश नहीं हुए. जिसके बाद न्यायालय ने उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू वारेंट जारी कर दिया.
9 दिसंबर को पुलिस अधीक्षक और संबंधित थानाध्यक्ष की मौजूदगी में कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए हैं. फिलहाल कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. बता दें कि यूपी के शाहजहांपुर स्थित लॉ कालेज की छात्रा ने चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाया था. चिन्मयानंद के वकील ने छात्रा और उसके दोस्तों पर 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराया था. इस केस में कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया था.
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