समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की याचिका खारिज कर दी.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे याचिका पर सुनवाई की कोई वजह नजर नहीं आती. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट में सबूतों के आधार पर सुनवाई आगे बढ़नी चाहिए.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि 1993 की डेट ऑफ बर्थ पर आप कई साल तक जी रहे थे. आपको चुनाव लड़ना था, इसलिए दूसरा बनवाया होगा. हो सकता है कि महकमे के किसी अधिकारी से आपकी मिली भगत हो. वह अधिकारी भी इसमें दोषी हो. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके खिलाफ 468, 420 के तहत चार्ज तय किया गया है.
आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान को उनके खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामले में जेल भेज दिया गया था. उन पर आरोप है कि अब्दुल्ला खान के पास दो अलग-अलग जगहों से फर्जी तरीके से जारी दो जन्म प्रमाण पत्र हैं.
बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने रामपुर के गंज पुलिस स्टेशन में तीन जनवरी, 2019 को एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने लखनऊ और रामपुर से दो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करने में अपने बेटे की मदद की.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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