पिता, बहन, जीजा सारे के सारे जज, अब आरुष की UPPCS-J में आई 97वीं रैंक, गजब की फैमिली

अभिनव माथुर

06 Sep 2023 (अपडेटेड: 06 Sep 2023, 01:03 PM)

उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ के निवासी आरुष पाठक ने यूपी पीसीएस (J) की परीक्षा में 97वीं रैंक हासिल की है. हालांकि आरुष मौजूदा समय…

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उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ के निवासी आरुष पाठक ने यूपी पीसीएस (J) की परीक्षा में 97वीं रैंक हासिल की है. हालांकि आरुष मौजूदा समय में भी जज हैं, लेकिन इस समय वो राजस्थान के जयपुर में तैनात हैं. माता-पिता और परिवार के करीब आने के लिए जज आरुष पाठक ने यूपी लोक सेवा आयोग की भर्ती में हिस्सा लिया तो उन्हें 97वीं रैंक हासिल हुई. इसके बाद अब आरुष का अपने परिवार के बीच पहुंचने का सपना सच हो गया है. आरुष पाठक के परिवार में मौजूदा समय में 4 जज हैं, जोकि यूपी के मथुरा और संभल जिले में तैनात हैं.

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दो बहन-बहनोई समेत परिवार में 5 जज होने से प्रेरित होकर खुद के जज बनने का सपना संजोय बैठे यूपी के बस्ती जिले के निवासी 27 वर्षीय आरुष पाठक का जज बनने का सपना तो एक साल पहले ही सच हो गया था. मगर परिवार से विशेष लगाव के चलते अब जज आरुष पाठक का अगला टारगेट अपने परिवार के बीच पहुंचना था. 30 अगस्त 2022 को राजस्थान पीसीएस (J) की परीक्षा में 40वीं रैंक हासिल करके जज बनने वाले आरुष पाठक मौजूदा समय में राजस्थान के जयपुर में सिविल जज के पद पर तैनात हैं.

राजस्थान में परीक्षा पास करने के बाद से जज आरुष पाठक अपने परिवार के करीब आना चाहते थे. इसके बाद जज आरुष पाठक को यूपी लोक सेवा आयोग की भर्तियां निकालने का इंतजार था. जैसे ही यूपी लोक सेवा आयोग की वैकैंसी निकली तो जज आरुष पाठक ने यूपी पीसीएस (जे) की परीक्षा में 97वीं रैंक के साथ बाजी मारकर अपना दूसरा टारगेट भी हिट कर दिया.

यूपी में पीसीएस (J) में चयन के बाद परिवार के बीच पहुंचने का सपना सच होने के बाद से जज आरुष पाठक काफी खुश हैं. साथ ही उनके परिवार में भी काफी खुशी का माहौल भी है. यहां संभल जिले की चंदौसी कोर्ट में तैनात आरुष पाठक के बहन बहनोई CJM बबीता पाठक व सिविल जज सीनियर डिविजन मयंक त्रिपाठी ने आरुष पाठक को बधाई दी है. साथ ही मथुरा में तैनात बहन-बहनोई ADJ पूनम पाठक व ADJ नितिन पांडेय ने भी आरुष पाठक को यूपी पीसीएस (जे) में चयन की बधाई दी है. जबकि आरुष के पिता श्रीचंद पाठक को भी अपने बेटे की दूसरी बड़ी सफलता देखकर काफी गर्व है.

दिल्ली और लखनऊ में हुई एजुकेशन लेकिन अचानक राजस्थान ले गई मंजिल

जज आरुष पाठक बताते हैं कि उनकी शुरुआती पढ़ाई लखनऊ में हुई. यहां उन्होंने आर्मी पब्लिक स्कूल से कक्षा 10 की पढ़ाई की और कक्षा 12वीं की पढ़ाई दिल्ली में अभिनव पब्लिक स्कूल से की. इसके बाद एमीटी लॉ कॉलेज दिल्ली से एलएलबी किया और फिर लखनऊ के श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी से एलएलएम की पढ़ाई की. इसके बाद वर्ष 2022 में राजस्थान पीसीएस (जे) की परीक्षा पास करके 120 में से 40वीं रैंक हासिल करके जज बनने का सपना पूरा किया.

राजस्थान में जज बनने के साथ ही सेट हो गया था होम स्टेट पहुंचने का टारगेट

आरुष पाठक ने राजस्थान पीसीएस (जे) की परीक्षा में 120 में से 40वीं रैंक पाकर अपना जज बनने का सपना तो 30 अगस्त 2022 को ही सच कर लिया था. लेकिन इसके बाद आरुष पाठक का अगला टारगेट अपने होम स्टेट यूपी पहुंचना था. इसके लिए आरुष पाठक को यूपी में वैकेंसी निकलने का इंतजार था. यूपी में पीसीएस (जे) की वैकेंसी निकाली तो आरुष पाठक ने परीक्षा देकर 97वीं रैंक के साथ अपना टारगेट पूरा किया. इसके बाद अब जज आरुष पाठक का होम स्टेट पहुंचकर परिवार के करीब रहने का सपना सच हो गया है.

पिता व दोनों बहन-बहनोई को देखकर हुए हुए प्रेरित

मात्र 27 साल की उम्र में ही दूसरी बार पीसीएस (जे) की परीक्षा में शानदार रैंक हासिल करके जज बनने वाले आरुष पाठक बताते हैं कि पिता श्रीचंद पाठक भी पहले जज थे, लेकिन अभी वह रिटायर्ड हो चुके हैं. इसके अलावा उनके बहन-बहनोई बबीता पाठक-मयंक त्रिपाठी और पूनम पाठक-नितिन पांडेय भी जज हैं. बबीता पाठक और मयंक त्रिपाठी संभल जिले की चंदौसी कोर्ट में तैनात हैं, जबकि पूनम पाठक-नितिन पांडेय मथुरा में तैनात हैं. इस तरह से परिवार में पिता व दोनो बहन बहनोई के जज होने के कारण आरुष पाठक का रुख भी शुरू से जज बनने की तरफ ही था. इसलिए ही उन्होंने अपने दोनो बहन बहनोई से प्रेरित होकर इसको चुना है.

गरीबों के दर्द को समझकर न्याय करना ही मुख्य उद्देश्य

27 साल की उम्र में ही जज बनने वाले आरुष पाठक बताते हैं कि ईश्वर ने उनको मनचाहा फल दिया है लेकिन अब उनको न्याय के मंदिर में जिस कुर्सी की जिम्मेदारी मिली है वह उसको पूरे कर्तव्य और निष्ठा के साथ निभाएंगे. जज आरुष पाठक का ये भी कहना है कि गरीबों के दर्द को समझकर न्याय करना और त्वरित न्याय प्रणाली पर काम करना ही अब उनका पहला उद्देश्य है.

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