यूपी का नया इंटरनेशनल एयरपोर्ट कई मामलों में विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला होने वाला है. हम बात कर रहे हैं गौतमबुद्ध नगर में बन रहे जेवर एयरपोर्ट की. यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा और यूपी सरकार कोशिश कर रही है कि 2024 तक हर हाल में शुरू कर दिया जाए. इस नए एयरपोर्ट पर लोगों को हॉन्ग कॉन्ग और न्यूयॉर्क जैसी सुविधाएं मिलने का दावा किया जा रहा है. यहां ऑटोमेटेड पीपल मूवर्स भी लगाए जाने की तैयारी है.
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प्रस्तावित फिल्म सिटी को एयरपोर्ट से जोड़ने की तैयारी: उत्तर प्रदेश सरकार की प्लानिंग के मुताबिक जेवर एयरपोर्ट और ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 21 में बनाई जा रही फ़िल्मसिटी को एक साथ जोड़ने का काम किया जाएगा. एम्यूजमेंट पार्क को भी इस नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा. वैसे तो एम्यूजमेंट पार्क और एयरपोर्ट के बीच की दूरी 6 किलोमीटर है. मगर इन दोनों के बीच जो रैपिड लाइन प्रस्तावित है, वह अन्य सेक्टरों और इंडस्ट्रियल एरिया से भी गुजरेगी. इसका मकसद आसपास के इंडस्ट्रियल सेक्टर को भी सुविधाएं उपलब्ध कराना है. इस वजह से यह लाइन करीब 16 किलोमीटर लंबी होगी.
जेवर एयरपोर्ट की डीपीआर के मुताबिक नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में विशेष टनल्स बनाए जाएंगे. आम एयरपोर्ट की तरह एयरक्राफ्ट को खुले में नहीं रखा जाएगा बल्कि उन्हें टनल्स में खड़ा करने की सुविधा प्रदान की जाएगी. टनल्स में ही लॉजिस्टिक्स एरिया बनेगा.
अनुमान के मुताबिक तीसरे चरण तक इस एयरपोर्ट से तकरीबन 5 करोड़ लोग हर साल यात्रा करेंगे. ऐसे में एयरपोर्ट के ऊपर लॉजिस्टिक्स और एयरक्राफ्ट पार्किंग सुविधाजनक संचालन में अवरोध बन सकते हैं. इसीलिए टनल्स बनाकर वहां एयरक्राफ्ट पार्किंग और लॉजिस्टिक्स का प्रबंध किया जाएगा. हवाई अड्डे से पूरी तरह संचालन शुरू होने के बाद सालाना करीब 7 करोड़ मुसाफिर यहां से यात्रा करेंगे.
यात्रियों और लॉजिस्टिक के लिए अलग प्रवेश द्वार
अगले 3 साल में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक टर्मिनल और एक रनवे का संचालन शुरू हो जाएगा. इस टर्मिनल से हर साल करीब 1.2 करोड़ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री हवाई यात्रा करेंगे. यात्रियों के लिए प्रवेश और निकास द्वार पश्चिम और यमुना एक्सप्रेसवे की तरफ बनाया जाएगा. लॉजिस्टिक के लिए प्रवेश और निकास द्वार पूर्व में बनेंगे. इस एयरपोर्ट पर 38.5 मीटर ऊंचा एटीसी टावर बनाया जाएगा.
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