आलू की खेती का समय और खड़ा हुआ खाद का संकट, यूपी के 4 जिलों से पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट

यूपी तक

• 11:29 AM • 16 Oct 2021

उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए खाद की आपूर्ति को लेकर चिंताजनक स्थिति बन गई है. एक ओर ग्रामीण इलाकों में बिजली की कटौती हो…

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उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए खाद की आपूर्ति को लेकर चिंताजनक स्थिति बन गई है. एक ओर ग्रामीण इलाकों में बिजली की कटौती हो रही है, तो वहीं दूसरी तरफ अब समय पर खाद नहीं मिलने से किसान परेशान हो रहा है. किसानों का कहना कि उन्हें काफी दिनों से खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के मुताबिक, प्राइवेट दुकानदार ब्लैक में खाद बेच रहे हैं, ऐसे में वे कहां जाएं. मामले की पड़ताल करने के लिए यूपी तक की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची. हमने फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, कन्नौज और इटावा जिले की जमीनी हकीकत को जाना. इसी क्रम में पेश है आपके सामने ये रिपोर्ट.

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फर्रुखाबाद जिले की ग्राउंड रिपोर्ट-

आलू की फसल के लिए खेतों को तैयार करने का समय है, लेकिन किसान के सामने सबसे बड़ी समस्या खाद आपूर्ति की है. फर्रुखाबाद जिले में किसान को समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है. पीसीएफ के गोदामों पर खाद का भंडार है, लेकिन खाद क्रय केंद्रों तक समय से नहीं पहुंच पा रही है. क्रय केंद्रों पर आए किसानों ने बताया कि इस समय खेतों में आलू बुआई का समय है, लेकिन खाद समय पर नहीं मिल पा रही है, जिसके कारण फसल बुआई में देरी हो रही है.

क्रय केंद्र संचालकों का कहना है कि गोदाम से जितना स्टॉक मिल पा रहा है, वे प्रति दिन उसे बांट रहे हैं. उन्होंने बताया कि गोदाम से स्टॉक आने में देरी हो रही है, जिसके चलते किसानों को खाद के लिए दिक्कत पैदा हो रही है.

जानिए किसानों ने यूपी तक को क्या बताया?

क्रय केंद्र पर खाद लेने पहुंचे किसानों ने यूपी तक को बताया कि ये खेतों में आलू की फसल की बुआई का समय है, लेकिन उन्हें खाद समय पर नहीं मिल पा रही है. उन्होंने बताया कि उन्हें दो से तीन दिन की देरी से खाद मिल रही है, जिस कारण फसल की बुआई में देरी हो रही है. किसानों के मुताबिक, वे लोग सुबह से आकर लाइन में लग जाते हैं और शाम तक लाइन में लगे रहते हैं, लेकिन जब नंबर आता है तब बताया जाता है कि केंद्र पर खाद खत्म हो गई है.

फर्रुखाबाद के सातनपुर स्थित इफको कंपनी के खाद क्रय केंद्र के संचालक ने बताया कि केंद्र पर खाद की आपूर्ति इस समय कम हो रही है. उन्होंने बताया कि उनके पास जितनी खाद आ रही है वे उतनी किसानों को बांट रहे हैं.

खाद गोदाम के सहायक प्रबंधक ने बताया कि उनके पास डीएपी, एनपीके खाद उपलब्ध है. पिछले दो-तीन दिन से खाद की कुछ दिक्कत थी. उन्होंने बताया कि इस समय स्टॉक में 1950 टन डीएपी और 750 टन एनपीके खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. बकौल सहायक प्रबंधक, छुट्टी के चलते पिछले दिनों कुछ दिक्कत आई थी, अब लगातार समितियों और क्रय केंद्रों पर खाद भेजी जा रही है.

फिरोजाबाद जिले की ग्राउंड रिपोर्ट-

फिरोजाबाद में इस समय किसानों को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि सरकारी केंद्रों पर खाद उपलब्ध नहीं है. आरोप है कि इस कारण बाजार में 1400 रुपये से लेकर 1500 रुपये प्रति बोरी (50 किलो) डीएपी ब्लैक में बेची जा रही है, जबकि सरकारी रेट प्रति बोरी 1200 रुपये है.

जिला कृषि अधिकारी ने बताया,

“अक्टूबर में 10,200 मीट्रिक टन और नवंबर में 24,000 मीट्रिक टन खाद की जरूरत पड़ती है. कुछ पुराना स्टॉक होता है और नई रैक आने पर यह समस्या दूर हो जाती है, लेकिन अभी नई खाद नहीं मिल पा रही है. यह खाद उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश और प्रयागराज से आती है. फिरोजाबाद जिले में पूरे साल में 42,000 मीट्रिक टन खाद की जरूरत होती है, जिसमें 17 हजार मीट्रिक टन की आपूर्ति सहकारी समिति के द्वारा होती है, बाकी 25 हजार मीट्रिक टन की आपूर्ति प्राइवेट खाद बीज भंडार से होती है. सरकार ने तय किया है कि कोई भी 1200 रुपये प्रति बोरी से अधिक की बिक्री नहीं कर सकता.”

रविकांत सिंह, जिला कृषि अधिकारी

जिला कृषि अधिकारी रविकांत सिंह ने बताया, “जहां भी हमें शिकायत मिलती है कि खाद ब्लैक में बिक रही है, हम तत्काल कार्रवाई करते हैं. हालिया दो बीज भंडार के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है. 2 या 3 दिन में खाद रैक आ जाएगी और इसके बाद यह समस्या दूर हो जाएगी.”

इटावा जिले की ग्राउंड रिपोर्ट-

इटावा जिले में किसानों को खाद की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. जिले में 68 सहकारी क्रय केंद्र हैं जो डीएपी और एनपीके खाद किसानों को बेचते हैं, लेकिन कई दिनों से खाद की आपूर्ति सुनिश्चित ना होने की वजह से किसान परेशान हैं.

अपने क्षेत्र के क्रय केंद्रों पर खाद ना होने की वजह से किसान जिला मुख्यालय इसे खरीदने के लिए जा रहे हैं. इसके बावजूद भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है. इससे पहले जिले के सांसद भी खाद के क्रय केंद्रों पर निरीक्षण कर खाद के लिए अधिकारियों को चेतावनी दे चुके हैं, बावजूद इसके अब तक खाद की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.

कन्नौज जिले की ग्राउंड रिपोर्ट-

कन्नौज जिले में खाद की उपलब्धता को लेकर किसान परेशान हैं. सहकारी समितियों के गोदामों में स्टॉक खत्म हो गया है.

बता दें कि जिले में तकरीबन 1 लाख 30 हजार किसान करीब 50 हजार हेक्टेयर में आलू की बुआई करते हैं. हर साल करीब 12 लाख 6 हजार मीट्रिक टन की पैदावार होती है. इस बार बारिश के चलते अगेती बुआई नहीं हो सकी है. अब बुआई ने जोर पकड़ा है और इससे यूरिया और डीएपी की मांग बढ़ गई है. किसानों को समितियों से खाद नहीं मिल पा रही है, जिससे वे चिंतित हैं और परेशान होकर सरकारी खाद की दुकानों के चक्कर काट रहे हैं.

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