विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बुधवार को 20 विश्वविद्यालयों को ‘फर्जी’ घोषित कर दिया और उन्हें कोई भी डिग्री प्रदान करने का अधिकार नहीं दिया है. दिल्ली में ऐसे विश्वविद्यालयों की संख्या आठ है, जो सर्वाधिक है. इसके बाद दूसरे नंबर पर यूपी है. यूपी के 4 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया गया है.
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यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने कहा, ‘‘आयोग के संज्ञान में यह आया है कि कई संस्थान यूजीसी अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत डिग्री की पेशकश कर रहे हैं. ऐसे विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की गई डिग्री की न तो मान्यता होगी और न ही वे उच्च शिक्षा या रोजगार के उद्देश्य से मान्य होंगी. इन विश्वविद्यालयों को कोई भी डिग्री प्रदान करने का अधिकार नहीं दिया गया है.’’ उन्होंने ऐसे संस्थानों की एक सूची जारी करते हुए कहा कि ये विश्वविद्यालय ‘‘फर्जी’’ हैं.
यूपी के ये 4 विश्वविद्यालय फर्जी घोषित
उत्तर प्रदेश में ऐसे चार विश्वविद्यालय हैं – गांधी हिंदी विद्यापीठ, ‘नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी’, ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी’ (मुक्त विश्वविद्यालय) और भारतीय शिक्षा परिषद.
दिल्ली के ये 8 विश्वविद्यालय फर्जी घोषित
यूजीसी के अनुसार दिल्ली में आठ ‘फर्जी’ विश्वविद्यालय हैं – ‘आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक एंड फिजिकल हेल्थ साइंसेज’, ‘कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड’, दरियागंज, ‘यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, वोकेशनल यूनिवर्सिटी’, ‘एडीआर-सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी’, ‘इंडियन इंस्टीट्यूशन आफ साइंस एंड इंजीनियरिंग’, ‘विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फार सेल्फ-इम्प्लायमेंट और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय.
आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 2-2 विश्वविद्यालय फर्जी घोषित
आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में दो-दो ऐसे विश्वविद्यालय हैं. ये हैं आंध्र प्रदेश में ‘क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी’ और ‘बाइबिल ओपन यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया’, तथा पश्चिम बंगाल में ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन’ और इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च.
‘बदगानवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी (कर्नाटक), ‘सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी’ (केरल), ‘राजा अरेबिक यूनिवर्सिटी’ (महाराष्ट्र) और ‘श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन’ (पुडुचेरी) भी इस सूची में शामिल है.
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