उत्तर प्रदेश के बांदा में रेलवे के घटिया निर्माण की कलई खुल गई है. हुआ कुछ यूं कि शुक्रवार, 10 सितंबर को दुरेड़ी अंडर ब्रिज टनल की भारी भरकम दीवार भरभराकर गिर गई. गनीमत ये रही कि इस हादसे की चपेट में कोई नहीं आया. हादसे के बाद रास्ता मिट्टी और कंक्रीट के मलबे से पूरी तरह से ब्लॉक हो गया. झांसी-प्रयाजराज रेल लाइन पर बना यह अंडर ब्रिज बांदा रेलवे स्टेशन से तकरीबन 3 किलोमीटर की दूरी पर है.
ADVERTISEMENT
सिर्फ तीन साल पहले बनकर तैयार हुआ यह अंडर ब्रिज लापरवाही और घटिया निर्माण के चलते चंद सेकेंड के भीतर ढह गया.
यह अंडर ब्रिज यूपी के बांदा को एमपी के छतरपुर जिले से जोड़ता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह अंडर ब्रिज करीब दो साल से प्रॉपर ड्रेनेज न होने की वजह से क्षतिग्रस्त था. वहीं, जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बारिश की वजह से कटी मिट्टी को हादसे की वजह बताया है. उन्होंने बताया कि फिलहाल ट्रेनों को मिनिमम स्पीड लिमिट और कॉशन के साथ निकाला जा रहा है.
मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट केशव नाथ गुप्ता ने बताया
“खबर मिलते ही हम सभी लोग मय पुलिस बल के मौके पर पहुंचे हैं. अंडर ब्रिज के रास्ते को पूरी तरह से बंद करवा दिया गया है और रेलवे विभाग को सूचना दे दी गई है. रेल विभाग के अधिकारियों से मामले की जांच कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. प्रथम दृष्टया यह बीते दिनों हुई लगातार बारिश और जलभराव के कारण दीवार गिरना प्रतीत हो रहा है.”
रिपोर्ट: सिद्धार्थ गुप्ता
UP का शोपीस ब्रिज: गंगा में खड़ा 40 करोड़ का ‘कंक्रीट का ढांचा’, जो कहीं नहीं ले जाता
ADVERTISEMENT