उत्तर प्रदेश में स्थाई डीजीपी की नियुक्ति को लेकर यूपीएससी ने नए डीजीपी के चयन के लिए पैनल भेजने से पहले पुराने डीजीपी को हटाने की वजह पूछ ली है. यूपीएससी की तरफ से मांगी गई जानकारी के चलते आयोग की बैठक भी फिलहाल होती नजर नहीं आ रही है. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने मुकुल गोयल को 11 मई 2022 को अकर्मण्यता का आरोप लगाते हुए डीजीपी पद से हटा दिया था. मुकुल गोयल वर्तमान में डीजी सिविल डिफेंस के पद पर हैं.
ADVERTISEMENT
सितंबर के पहले सप्ताह में डीजीपी के चयन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा भेजे गए नाम में से पैनल बनाने से पहले संघ लोक सेवा आयोग में मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटाए जाने की वजह पूछी है.
मिली जानकारी के अनुसार आयोग ने पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत डीजीपी का कार्यकाल 2 साल का होना चाहिए. इससे पहले अगर भ्रष्टाचार, अपराधिक मामलों में सजा, भारतीय सेवा नियमों के उल्लंघन का मामला साबित होने पर ही किसी को डीजीपी पद से हटाया जा सकता है. आयोग ने जवाब मांगा है कि मुकुल गोयल के खिलाफ क्या ऐसा कोई मामला था और अगर मुकुल गोयल के खिलाफ भ्रष्टाचार अपराधिक मामलों में सजा या कोई अन्य मामला बनता है तो उसके दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं.
अब राज्य सरकार को मुकुल गोयल को हटाने के पीछे दस्तावेजी वजह बतानी होगी कि आखिर मुकुल गोयल को किस आरोप में उनके 2 साल के कार्यकाल से पहले हटाया गया. आयोग के द्वारा मांगी गई जानकारी के चलते डीजीपी के पैनल को लेकर होने वाली बैठक भी फिलहाल लटक गई है. अब जब सरकार आयोग को जानकारी उपलब्ध कराएगी तभी आयोग डीजीपी के पैनल को लेकर बैठक करेगा.
बता दें कि डीजीपी के चयन के लिए पैनल में उसी अफसर का नाम शामिल किया जाता है जिसके रिटायरमेंट में कम से कम 6 माह का वक्त बाकी हो. मुकुल गोयल फरवरी 2024 में यानी डेढ़ साल का वक्त बाकी है. वहीं दूसरे नंबर पर 88 बैच के आईपीएस आरके विश्वकर्मा हैं जो मई 2023 में रिटायर होंगे, लेकिन वर्तमान में कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान का रिटायरमेंट मार्च 2023 में हो रहा है.
यूपी डीजीपी मुकुल गोयल को पद से हटाया गया, अब डीजी नागरिक सुरक्षा की मिली जिम्मेदारी
ADVERTISEMENT