विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद अब निकाय चुनाव में कब्जा जमाने के लिए बीजेपी ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है. नवंबर के अंत में निकाय के चुनाव प्रस्तावित हैं. ऐसे में इन चुनावों को लेकर यूपी बीजेपी ने अपनी रणनीति के तहत मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाने जा रही है. जिसमें मताधिकार का प्रयोग करने वाले लोगों के नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाने के लिए संपर्क किया जाएगा. प्रदेश के हर शहर के वार्ड में इस अभियान को अंजाम दिया जाएगा, जिसके लिए ये अभियान एक नवंबर से शुरू होगा.
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बीजेपी कार्यकर्ताओं को इसके निर्देश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने जारी कर दिए हैं. जिसमें प्रदेश पदाधिकारियों, क्षेत्रीय अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारियों को कहा गया है कि वो टीम बनाकर इस अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करेंगे. वहीं पार्टी इस बार के चुनाव में अलग-अलग समाज के लोगों को टिकट देने की भी तैयारी में है, जिसके लिए प्रक्रिया जारी है.
पिछले दिनों बीजेपी ने प्रदेश में मुस्लिम समाज को जोड़ते हुए जिला स्तर पर पसमंदा सम्मेलन आयोजित किए थे, तो वहीं इस बार के निकाय चुनाव में बीजेपी पसमंदा मुसलमानों को टिकट देने की भी तैयारी कर रही है. पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष पार्षद अली के मुताबिक 1200 से ज्यादा वार्ड स्तर के प्रत्याशी पसमंदा समाज के होंगे और वही यह प्रक्रिया आगे के चुनाव में भी जारी रह सकती है.
वहीं निकाय चुनाव की रणनीति की कड़ी में 30 अक्टूबर को बूथ स्तर पर कार्यकर्ता पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम सुनेंगे. 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई जयंती पर पार्टी की तरफ से वार्ड स्तर पर कई कार्यक्रम होंगे. जहां बीजेपी आगामी निकाय चुनावों में पूरी कार्ययोजना बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, तो वहीं बाकी पार्टियों में फिलहाल निकाय चुनाव को लेकर के कोई खास तैयारी नजर नहीं आ रही.
बीजेपी प्रवक्ता हीरो बाजपाई ने कहा कि पार्टी ने निकाय चुनाव को लेकर पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी और अब मतदाता पुनरीक्षण अभियान के जरिए छोटे हुए वोटरों को जोड़ने की कवायद है. जिसके लिए प्रदेश पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. बीजेपी पूरे वर्ष जन सेवा करती है और इन निकाय चुनाव के जरिए पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करनी है. जहां समाजवादी पार्टी अभी शोक में है तो वहीं बीजेपी ने फिलहाल बीएसपी भी रेस में कहीं नहीं है.
कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा महंगाई बेरोजगारी और जनता के मुद्दों से दूर बीजेपी सिर्फ और सिर्फ चुनाव के लिए राजनीति करती है. बल्कि कांग्रेस जमीन पर उतर कर आम आदमी के मुद्दों के लिए लड़ रही है. कांग्रेस पार्टी भी निकाय चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी, जिसके लिए जमीनी स्तर पर काम चल रहा है. बीजेपी को सिर्फ चुनाव में जीत से मतलब है जनता के मुद्दों और उनके सरोकारों से कोई मतलब नहीं है.
दूसरी तरफ राजनीतिक विश्लेषण प्रमोद गोस्वामी ने कहा कि बीजेपी संघ के मॉडल पर चलती है और अपने कार्यकर्ताओं को पूरे वर्ष कार्यक्रमों के जरिए एक्टिव रखते है. विधानसभा चुनाव के ठीक बाद पार्टी में निकाय चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी. बाकी पार्टियां बीजेपी के मुकाबले पीछे नजर आ रही हैं. हालांकि समाजवादी पार्टी उपचुनाव और बीएसपी ने पहली बार निकाय चुनाव में पूरी तरीके से लड़ने का प्लान बनाया है. ऐसे में बीजेपी के लिए राह आसान नहीं होगी, लेकिन यह जरूर है कि उसकी तैयारी बाकी पार्टियों से पहले है.
गौरतलब है कि 2017 के नगर निकाय चुनाव का ऐलान निर्वाचन आयोग ने 27 अक्टूबर को किया था. जिसमे नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के चुनाव तीन चरणों में हुए थे. पहले चरण का मतदान 22 नवंबर, दूसरे चरण का 26 नवंबर और अंतिम चरण 29 नवंबर और 1 दिसंबर को नतीजे आए थे. नगर निकाय चुनाव 2022 का ऐलान 15 नवंबर के आसपास होने की उम्मीद है क्योंकि 5 जनवरी 2023 को यूपी की सभी नगर निकायों का कार्यकाल खत्म हो रहा है जिससे पहले निर्वाचन आयोग चुनाव कराने की तैयारी में है.
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