उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने से रोकने के लिए शासन स्तर पर कड़े कदम उठाए गए हैं. सरकार ने औचक निरीक्षण से लेकर स्ट्रॉन्ग रूम में आने वालों की संख्या सीमित करने के साथ ही कर्मचारियों के मोबाइल फोन ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
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हाल ही में कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने की घटना सामने आने के बाद परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए विशेष सतर्कता शुरू की गई है. हालांकि जिस विषय का प्रश्नपत्र लीक हुआ था, उसकी परीक्षा राज्य के 24 जिलों में रद्द कर दी गई है. घटना की जांच जारी है और 34 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
पेपर लीक का केंद्र रहे बलिया जिले में जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी व्यक्तिगत रूप से प्रश्नपत्र को लीक होने से रोकने के लिए किए गए इंतजामों की समीक्षा कर रहे हैं. बीते दिनों इसके लिए प्रथम दृष्टतया जिम्मेदार मिले जिला विद्यालय निरीक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
आजमगढ़ संभाग के संयुक्त निदेशक (शिक्षा) योगेंद्र कुमार सिंह ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “स्ट्रॉन्ग रूम, जहां बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र रखे गए हैं, वहां जिलों के संबंधित अधिकारियों को सख्ती से नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही परीक्षा केंद्रों पर अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि जिस कमरे में प्रश्नपत्र रखे गए हैं, उसमें प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति का विवरण रजिस्टर में दर्ज किया जाए.”
अधिकारियों के मुताबिक, संयुक्त शिक्षा निदेशक ने गुरुवार को बलिया में मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में स्थापित जिला स्तरीय बोर्ड परीक्षा नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि इस दौरान सिंह ने स्ट्रॉन्ग रूम में किसी के भी मोबाइल फोन ले जाने पर सख्त प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया.
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को परीक्षा की शुचिता और प्रश्नपत्रों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए विशेष सतर्कता बरतने हिदायत दी है.
वहीं, अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) आराधना शुक्ला ने गुरुवार को एक बयान जारी कर सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने जिलों में प्रश्नपत्रों और परीक्षा केंद्रों का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करने का निर्देश किया है.
बयान में अधिकारियों से अपने क्षेत्र के कम से कम 20 फीसदी परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रश्नपत्रों को स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित रूप से रखा गया है और उनके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है.
बयान के मुताबिक, शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी भी लखनऊ में राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष से परीक्षा की कार्यवाही पर पैनी नजर रखे हुए हैं.
इसमें बताया गया है कि राज्य स्तर के नियंत्रण कक्ष में अधिकारियों को प्रदेश के हर परीक्षा केंद्र के परीक्षा कक्ष से ऑडियो और वीडियो फीड प्राप्त होता रहता है, जिस पर एक टीम कड़ी नजर रखती है.
शुक्ला के अनुसार, अगर कहीं कोई गड़बड़ी या किसी भी तरह की अनियमितता के संकेत मिलते हैं तो परीक्षा केंद्रों को समय रहते सतर्क किया जाता है.
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10वीं की परीक्षा के लिए इस साल कुल 27,81,654 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें 12,28,456 छात्राएं और 15,53,198 छात्र शामिल हैं.
वहीं, 12वीं की परीक्षा के लिए कुल 24,11,035 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें छात्राओं की संख्या 10,86,835 और छात्रों की तादाद 13,24,200 है. कुल मिलाकर इस साल 51,92,689 छात्र-छात्राओं ने यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है.
राज्य सरकार ने बोर्ड परीक्षा के लिए प्रदेश भर में 8,373 परीक्षा केंद्र बनाए हैं. इनमें से 6,398 केंद्र ग्रामीण इलाकों, जबकि 1,975 शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं.
राज्य सरकार ने 861 परीक्षा केंद्रों को संवेदनशील, 254 को अति संवेदनशील और 7,258 को सामान्य घोषित किया है. इन सभी परीक्षा केंद्रों पर स्टाफ और कुल 2,97,124 सीसीटीवी कैमरों की मदद से कड़ी नजर रखी जा रही है.
कैमरों से प्राप्त फीड की निगरानी राज्य स्तरीय कमांड सेंटर, 75 जिला स्तरीय कमांड सेंटर और 8373 केंद्र स्तरीय कमांड सेंटरों से की जा रही है.
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