UP News: यूपी के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी देखने को मिल रही है. एक साल में शिक्षकों की संख्या 1.39 लाख कम हुई है. इसके चलते पठन-पाठन में छात्रो को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है और शिक्षको की भर्ती भी साढ़े चार साल से नहीं हुई है. इस वजह से खाली पड़े पदों की संख्या बढ़ती जा रही है.
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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के संरक्षक हरि प्रकाश यादव के मुताबिक, ‘सरकार शिक्षकों पर ध्यान नहीं दे रही है. शिक्षकों के हजारों पद खली पड़े हैं. सरकार कोई विज्ञापन भी नहीं निकाल रही है. इस कारण प्रदेश भर में 1 लाख 39 हजार 777 भर्तियां रुकी हुई हैं. अगर सरकार समय से विज्ञापन निकाल कर शिक्षक भर्ती करे तो ये कमी जरूर पूरा होगा और शिक्षा की गुणवत्ता भी बढ़ेगी.’
यही हाल माध्यमिक का भी है जिसमें 20 हजार के लगभग अध्यापकों और प्रिंसिपल के दो हजार पद खाली हैं. 2011 से प्रिंसिपल भर्ती नहीं हुई है. मगर 2013 में हुई तो ममला कोर्ट चला गया यहां भी शिक्षकों की कमी है जिससे सरकारी स्कूल और बच्चे जूझ रहे है.
जानकारी के मुताबिक 2020-21, 2021 -22 और 2022-23 में शिक्षकों के स्वीकृत कार्य और रिक्त पदों की सूचना दी गई थी. इसके मुताबिक 2021-22 में जहां शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 7,19,399 थी. वहीं, 2022-23 में 5,79,622 रह गई है- जिससे साफ पता चलता है कि एक वर्ष में 1,39,777 पदों की संख्या में कमी आई है. 2021-22 में रिक्त पदों की संख्या जहां 2,65,805 थी वहीं 2022-23 में घटकर 1,26,028 रह गई है, यानी 1,39,777 खाली पदों में भी कमी हुई है.
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