उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव (UP Nagar Nikay Chunav) को लेकर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Adityanath) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया था. याचिका में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के लिए कहा था.
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इसी के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले को लेकर जल्द सुनवाई करने की मांग भी की है. अब सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार की याचिका मंजूर कर ली है. आपको यह भी बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जल्द सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को मामले की सुनवाई होगी. बता दें कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले की मेंशनिंग की है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मामले को जल्द सुना जाना चहिए. उन्होंने कहा कि डीलिमिटेशन की प्रक्रिया चल रही है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि ओबीसी आयोग का गठन कर दिया गया है. स्थानीय निकाय चुनाव, आयोग की रिपोर्ट आने के बाद कराए जाएंगे.
ये है मामला
दरअसल हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार के नगरीय निकाय चुनाव संबंधी मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव बिना ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के कराने का आदेश दिया था.
हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत गरम हो गई थी. समाजवादी पार्टी से लेकर कांग्रेस, बसपा सभी विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर ले रहे थे. दूसरी तरफ योगी सरकार ने कहा था कि वह मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी. इसी बीच योगी सरकार ने निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के लिए आयोग का भी गठन कर दिया था.
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए गठित पिछड़ा वर्ग आयोग ने शुरू किया काम
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