यूपी (UP Police) में पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टम (Public Approval Rating System) में तीन बार फेल होने पर थानेदारी छिन जाएगी. एडीजी ने जोन ने सभी पुलिस कप्तान को पत्र लिख निर्देश दिए हैं.
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सभी जिलों के लिए कटऑफ निर्धारित कर दिया गया है कि थानेदारों को इससे कम अंक हासिल नहीं करना है. गोरखपुर में थानेदारों को अपनी कुर्सी बचाने के लिए पब्लिक पोल में कम से कम 50 प्रतिशत अंक हासिल करना होगा. वहीं देवरिया में 72, कुशीनगर में 74 , महराजगंज में 66, बस्ती में 57, संतकबीरनगर में 80, सिद्धार्थनगर में 61अंक हासिल करना होगा.
आमजन के साथ पुलिस का व्यवहार कैसा है, यह जानने के लिए एडीजी जोन अखिल कुमार ने पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टम शुरू कराया है. वर्तमान में यह व्यवस्था जिला और थाना स्तर पर लागू है. जिले का मूल्यांकन एडीजी और थाने का कप्तान कराते हैं.
चार माह से चल रही पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टम की समीक्षा में सामने आया है कि कई थानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है. थाना प्रभारी रैकिंग सुधारने का प्रयास नहीं कर रहे हैं. एडीजी ने सभी कप्तान को पत्र लिख निर्देश दिए हैं कि ऐसे इंस्पेक्टर व दारोगा को चिन्हित कर थाना प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त करें.
एडीजी ने निर्देश दिए कि रैकिंग में टाप-5 रहने वाले थानेदारों को प्रशस्ति पत्र दें. अंतिम पांच में रहने वाले थाना के प्रभारी को स्थिति सुधारने का निर्देश दें. लगातार दो बार अंतिम पांच में रहने वाले प्रभारी को चेतावनी दी जाए. तीसरे माह भी स्थिति में सुधार नहीं होता है तो थानेदार को हटा दिया जाए.
उन्होंने कहा कि पब्लिम अप्रूवल रेटिंग सिस्टम में लगातार तीन माह अंतिम पांच में रहने वाले थानेदार पर कार्रवाई होगी. वहीं निर्धारत अंक हासिल करने वाले कार्रवाई की जद से बाहर रहेंगे.
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