सोशल मीडिया पर अपनी जिंदगी की परेशानियों को लिखकर आत्महत्या करने वालों के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक नई शुरुआत की है. सोशल मीडिया पर आत्महत्या संबंधित पोस्ट पर अब त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि फेसबुक और इंस्टाग्राम से यूपी पुलिस तत्काल जानकारी लेकर सुसाइड से जुड़े पोस्ट लिखने वाले व्यक्ति की जान बचाने के लिए उस तक पहुंचेगी.
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प्रयागराज में बचाई गई छात्र की जान
मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह 8:00 बजे यूपी पुलिस को ट्विटर से जानकारी मिली कि प्रयागराज में 11वीं कक्षा का एक छात्र परीक्षा में फेल होने के कारण आत्महत्या करने जा रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस के ट्विटर हैंडल से छात्र को तत्काल ऐसा न करने के लिए लिखा गया. मैसेज बॉक्स से छात्र का मोबाइल नंबर लिया गया और उसकी लोकेशन लेकर प्रयागराज पुलिस को उस छात्र की जान बचाने के लिए भेज दिया गया. मौके पर पहुंची प्रयागराज पुलिस ने उस छात्र से मुलाकात कर समझाया और सलाह दी, जिसके बाद छात्र ने आश्वासन दिया कि वह भविष्य में आत्महत्या जैसे कदम के बारे में सोचेगा भी नहीं.
दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर आत्महत्या संबंधी पोस्ट पर निगरानी रखना शुरू कर दिया है. अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी जिंदगी की परेशानियों की व्यथा बता कर आत्महत्या करने वालों की लगातार घटनाएं सामने आ रही थीं, जिसको देखते हुए यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम ने फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ मिलकर एक नई शुरुआत की है.
कैसे होती है निगरानी?
फेसबुक, इंस्टाग्राम और टि्वटर पर यदि किसी व्यक्ति के द्वारा आत्महत्या किए जाने से संबंधित पोस्ट किया जाता है, तो कंपनी की तरफ से सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर के फोन नंबर और ईमेल आईडी पर एक अलर्ट भेजा जाता है. यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम 24 घंटे भेजे जाने वाले ऐसे अलर्ट पर नजर रखती है.
जैसे ही कोई जानकारी मिलती है, तो अबसे पहले आत्महत्या के बारे में सोच रहे व्यक्ति से पुलिस बात करती है, समझाने की कोशिश करती है, मदद का भरोसा दिलाती है. वहीं, दूसरी तरफ लोकेशन लेकर स्थानीय पुलिस को भी मौके पर भेजा जाता है, जिसका नतीजा है कि आत्महत्या करने वालों को अब बचाया जा रहा है.
यूपी पुलिस में यह नई शुरुआत करने वाले सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल के नोडल अफसर एडिशनल एसपी राहुल श्रीवास्तव का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस में यह नई शुरुआत है. उन्होंने कहा, “हमने फेसबुक, इंस्टाग्राम कंपनी से सीधे संपर्क कर रिस्पॉन्स टाइम को कम करने की कोशिश की है, जिससे हमें जल्द से जल्द जानकारी मिले और हम संबंधित व्यक्ति को बचा सकें.
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